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इससे ताइवान की राष्ट्रपति पर अपनी ताकत के प्रदर्शन का दबाव काफी बढ़ गया है।
अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की प्रस्तावित ताइवान यात्रा को लेकर चीन बुरी तरह से भड़क गया है। चीनी ड्रैगन ने धमकी दी कि अगर नैंसी पेलोसी ने यात्रा की तो वह इसका सैन्य जवाब देगा। चीन की इस धमकी के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन ने आगाह किया है कि अमेरिकी सेना का मानना है कि यह अभी सही आइडिया नहीं है। इससे पहले ऐसी खबर आई थी कि ताइवान के साथ समर्थन को दिखाने के लिए पेलोसी एक प्रतिनिमंडल के साथ अगस्त महीने में ताइपे की यात्रा कर सकती हैं। बाइडन की चेतावनी के बाद अब कहा जा रहा है कि अमेरिका चीनी सेना से डर गया है, वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि सुपर पावर अमेरिका की सेना के पीएलए से डरने के पीछे कई वजहे हैं। आइए समझते हैं पूरा मामला...
विशेषज्ञों का मानना है कि नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से सभी पक्ष संकट में घिर जाएंगे। चीन के पास केवल दो ही विकल्प होगा, या तो वह कार्रवाई करे या फिर अपनी विश्वसनीयता को खो दे। वहीं अमेरिका अगर नैंसी पेलोसी की यात्रा को खारिज करता है तो ताइवान अमेरिका का सम्मान करना बंद कर देगा। नैंसी अगर ताइवान जाती हैं तो चीन के पलटवार का खतरा पैदा हो जाएगा। अमेरिका का मानना है कि अगर यह यात्रा होती है तो तनाव भड़केगा लेकिन नहीं होती है तो माना जाएगा कि अमेरिका ड्रैगन के सामने झुक जाएगा।
चीनी राष्ट्रपति के तीसरे कार्यकाल पर होना है फैसला
एक्सपर्ट के मुताबिक नैंसी पेलोसी की यह यात्रा ऐसे समय पर होने जा रही है जो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए बहुत तनावपूर्ण समय है। चीनी राष्ट्रपति को अगस्त के पहले 15 दिन में कम्युनिस्ट पार्टी के दिग्गज नेताओं का सामना करना है। शी जिनपिंग चाहते हैं कि उन्हें एक 5 साल का कार्यकाल और दिया जाए। ऐसे में शी जिनपिंग नहीं चाहेंगे कि वह अमेरिका के सामने ताइवान के मुद्दे पर कमजोर दिखें। चीन का मानना है कि ताइवान को चीन से अलग करने के लिए विदेशी प्रयास किया जा रहा है। इससे पहले अंतिम बार ताइवान स्ट्रेट में ताइवानी बंदरगाहों के आसपास मिसाइलें दागी थीं।
चीन की इस हरकत के बाद अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने दो वहां पर दो एयरक्राफ्ट कैरियर युद्धक समूह भेजे थे। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस बार नैंसी पेलोसी की यात्रा पर पहले से काफी हटकर चीन ताइवान के खिलाफ ऐक्शन ले सकता है। इसमें बहुत बड़ी तादाद में फाइटर जेट घुसपैठ कर सकते हैं। हाल के दिनों में चीनी फाइटर जेट ने ताइवान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन काफी तेज कर दिया। इससे ताइवान की राष्ट्रपति पर अपनी ताकत के प्रदर्शन का दबाव काफी बढ़ गया है।
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