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विकासशील देशों को कर्ज के जाल में धकेलने में जुटा चीन,

Subhi
23 Oct 2022 12:53 AM GMT
विकासशील देशों को कर्ज के जाल में धकेलने में जुटा चीन,
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ऋणों के भारी-भरकम बोझ तले दबे केन्या की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रहीं। उसके सामने एक और संकट आ खड़ा हुआ है। कर्ज न चुकाने की सूरत में चीन उसकी संपत्ति जब्त कर सकता है। 2014 के बाद से केन्या ने अपनी बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं जैसे सड़कों, स्वच्छ बिजली उत्पादन संयंत्रों और अपनी सबसे बड़ी परियोजना स्टैंडर्ड गेज रेलवे (एसजीआर) के लिए चीन से भारी मात्रा में ऋण लिया है।

केन्या का कर्ज 36.4 अरब अमेरिकी डालर

फाइनेंशियल पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रल बैंक आफ केन्या के मुताबिक, जून 2022 तक केन्या का बाहरी कर्ज 36.4 अरब अमेरिकी डालर तक पहुंच गया। चीन विश्व बैंक के बाद केन्या का सबसे बड़ा विदेशी लेनदार है।केन्या ने इस अवधि में चीनी ऋण पर कुल 117.7 बिलियन केएसएच यानी 972.7 मिलियन अमेरिकी डालर खर्च किए, इसमें से 24.7 बिलियन केएसएच (204.1 मिलियन अमेरिकी डालर) सिर्फ ब्याज का भुगतान रहा।

कर्ज का चीनी जाल

फाइनेंशियल पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के बैंक ने ऋण भुगतान अगले वित्तीय वर्ष में बढ़ाकर 800 मिलियन अमेरिकी डालर कर दिया है जो 2022 के लिए संशोधित 351.7 मिलियन अमेरिकी डालर से 126.61 प्रतिशत अधिक है। केन्या ने एसजीआर के निर्माण के लिए गए चीनी ऋणों के भुगतान में चूक की। इसलिए चीनी बैंकों ने ऋण न चुकाने पर जून में समाप्त वर्ष में केन्या पर 1.312 बिलियन केनियन शिलांग (केएसएच) यानी 10.8 मिलियन अमेरिकी डालर का जुर्माना लगाया। चीन विकासशील अफ्रीकी-एशियाई देशों को कर्ज के जाल में धकेलने में जुटा हुआ है और केन्या उसकी सूची का नया शिकार है।


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