विश्व

चीन को पसंद नहीं आई अमेरिका की यह हरकत, इससे बिगड़ेंगे संबंध

Rounak Dey
9 July 2022 2:43 AM GMT
चीन को पसंद नहीं आई अमेरिका की यह हरकत, इससे बिगड़ेंगे संबंध
x
अमेरिका का कहना है कि वह ताइवान की संप्रभुता का समर्थन करता है.

चीन और ताइवान के बीच अब भी तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस मुद्दे पर त्रिकोणीय टकराहट नजर आ रही है. एक टकराहट तो सीधे चीन और ताइवान के बीच है, जबकि दूसरी टकराहट चीन और अमेरिका की है. अमेरिका लगातार ताइवान का साथ दे रहा है और कई बार कह चुका है कि अगर चीन ताइवान पर कब्जा जमाने की कोशिश करेगा तो वह अपने सैनिक चीन के खिलाफ उतारेगा. इसके अलावा भी दोनों देशों की तरफ से इस मुद्दे पर लगातार बयानबाजी की जा रही है. हाल ही में अमेरिका के एक सीनियर सीनेटर की ताइपे यात्रा के दौरान चीन ने ताइवान सीमा के आसपास सैन्य अभ्यास किया.

चीन ने खुद की युद्ध अभ्यास की पुष्टि
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह अभ्यास सिर्फ इसलिए किया गया क्योंकि ताइवानी राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन से मिलने के लिए एक वरिष्ठ अमेरिकी सीनेटर ताइपे पहुंचे थे. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने शुक्रवार को कहा कि उसने हाल ही में ताइवान सीमा के पास समुद्र और हवाई क्षेत्र में संयुक्त युद्ध अभ्यास किया. चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा कि, संयुक्त राज्य अमेरिका और ताइवान की मिलीभगत और उकसावे के जवाब में इस युद्ध अभ्यास का आयोजन किया गया था.

काफी देर चक्कर काटता रहा विमान
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि कई चीनी लड़ाकू विमानों ने शुक्रवार को जलमार्ग के उत्तरी हिस्से में जमकर अभ्यास किया. आसपास के लोगों का कहना है कि किसी भी विमान ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया, लेकिन विमान काफी देर तक चारों ओर चक्कर लगाते रहे. एक्सपर्ट ने बताया कि शुक्रवार को अमेरिकी सीनेटर रिक स्कॉट ताइपे पहुंचे थे. उनके वहां जाने के दौरान ही यह अभ्यास किया गया, जो बताता है कि यह उकसावे का संदेश था.

ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है चीन
बता दें कि चीन चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है, जबकि ताइवान खुद को स्वतंत्र बताता है. इसी वजह से दोनों देशों में टकराहट की स्थिति लंबे समय से चल रही है. पिछले कुछ महीनों में तनाव ज्यादा बढ़ा है. इन सबके बीच अमेरिका भी ताइवान के समर्थन में उतर गया था और उसने चीन को कहा था कि अगर वह ताइवान को कब्जाने के लिए उस पर हमला करेगा तो अमेरिका भी अपने सैनिक चीन के खिलाफ उतारेगा. अमेरिका का कहना है कि वह ताइवान की संप्रभुता का समर्थन करता है.

Next Story