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अनौपचारिक तिब्बती भाषा की कक्षाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया है जो बच्चे अपने स्कूल से बाहर सीखने को जाते हैं।
तिब्बतियों पर चीन लगातार जुल्म ढा रहा है। अब चीन के किंघई प्रांत में चीनी अधिकारी युवा तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं को मठ छोड़ने और वापस घरों में भेजने को मजबूर कर रहे हैं। रेडियो फ्री एशिया ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीन द्वारा यह कदम 1 अक्टूबर को घोषित धार्मिक मामलों के नियमों के तहत है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक जाख्युंग मठ और किंघई में अन्य मठों से युवा भिक्षुओं को मठ छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है और उन्हें घर वापस भेजा जा रहा है। चीनी सरकारी अधिकारी इन मठों का निरीक्षण कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि नियमों का पालन किया जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक भिक्षुओं से कहा गया है कि वे अब मठों में नहीं लौट सकते और भिक्षुओं के वस्त्र नहीं पहन सकते हैं। उन्हें सरकारी स्कूलों में भेजा जाएगा या नहीं, यह भी साफ नहीं है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि सरकार के आदेश का उल्लंघन करने वाले को 'गंभीर कानूनी परिणाम और सजा' का सामना करना पड़ेगा।
बता दें कि चीन द्वारा घोषित नए नियम 20 अक्टूबर को लागू किए गए थे और नियमों के मुताबिक किंघई मठ में अब कम उम्र के लड़के भिक्षु नहीं बन सकते हैं और उन्हें धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इस सबके साथ ही चीनी अधिकारियों ने अनौपचारिक तिब्बती भाषा की कक्षाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया है जो बच्चे अपने स्कूल से बाहर सीखने को जाते हैं।
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