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ताइवान को लेकर लिथुआनिया से भिड़ा चीन, नतीजा भुगतने की धमकी दी

Neha Dani
21 Nov 2021 8:56 AM GMT
ताइवान को लेकर लिथुआनिया से भिड़ा चीन, नतीजा भुगतने की धमकी दी
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ये व्यापार कार्यालय अनौपचारिक दूतावासों के रूप में काम करते हैं.

चीन ने रविवार को लिथुआनिया के साथ अपने आधिकारिक संबंध राजदूत स्तर से नीचे कर दिए हैं. उसने यह कदम तब उठाया है जब बाल्टिक देश ने ताइवान को अपने यहां एक प्रतिनिधित्व कार्यालय खोलने की अनुमति दी है. दरअसल, ताइवान पर चीन अपना दावा जताता है (Taiwan Office in Lithuania). इससे पहले बीजिंग ने लिथुआनिया के राजदूत को निष्कासित कर दिया और देश से अपने राजदूत को भी वापस बुला लिया. बीजिंग का कहना है कि ताइवान के पास विदेशों के साथ संबंध स्थापित करने का कोई अधिकार नहीं है.

चीन की यह प्रतिक्रिया ताइवान पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के दावे को लेकर उसकी संवेदनशीलता को दिखाती है. विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि दूतावास के दूसरे नंबर के अधिकारी स्तर तक संबंधों को कम किया जाएगा. लिथुआनिया का यह कदम ताइवान के साथ संबंधों को बढ़ाने में सरकारों के बीच उसके बढ़ते हितों को दिखाता है (China Lithuania Small Country). ताइवान ऐसे समय में व्यापार और उच्च तकनीक वाले उद्योग का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है जब बीजिंग ने अपनी आक्रामक विदेश और सैन्य नीति के साथ अपने पड़ोसियों और पश्चिमी सरकारों को परेशानी में डाल दिया है.चीन ने रविवार को लिथुआनिया के साथ अपने आधिकारिक संबंध राजदूत स्तर से नीचे कर दिए हैं. उसने यह कदम तब उठाया है जब बाल्टिक देश ने ताइवान को अपने यहां एक प्रतिनिधित्व कार्यालय खोलने की अनुमति दी है. दरअसल, ताइवान पर चीन अपना दावा जताता है (Taiwan Office in Lithuania). इससे पहले बीजिंग ने लिथुआनिया के राजदूत को निष्कासित कर दिया और देश से अपने राजदूत को भी वापस बुला लिया. बीजिंग का कहना है कि ताइवान के पास विदेशों के साथ संबंध स्थापित करने का कोई अधिकार नहीं है.
चीन की यह प्रतिक्रिया ताइवान पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के दावे को लेकर उसकी संवेदनशीलता को दिखाती है. विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि दूतावास के दूसरे नंबर के अधिकारी स्तर तक संबंधों को कम किया जाएगा. लिथुआनिया का यह कदम ताइवान के साथ संबंधों को बढ़ाने में सरकारों के बीच उसके बढ़ते हितों को दिखाता है (China Lithuania Small Country). ताइवान ऐसे समय में व्यापार और उच्च तकनीक वाले उद्योग का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है जब बीजिंग ने अपनी आक्रामक विदेश और सैन्य नीति के साथ अपने पड़ोसियों और पश्चिमी सरकारों को परेशानी में डाल दिया है.
लिथुआनिया को चीन ने दी धमकी
इससे पहले चीन ने इस बाल्टिक देश को इसका नतीजा भुगतने की धमकी दी थी. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने कहा कि लिथुआनिया 'जो बोयेगा, वह काटेगा.' झाओ ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया था. उन्होंने लिथुआनिया के कदम को गलत और चीन के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी करार दिया. गुरुवार को खुले कार्यालय पर ताइवान नाम लिखा है ना कि 'चीनी ताइपे.' चीन की नाराजगी से बचने से लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और कई देश ताइवान को 'चीनी ताइपे' नाम से संबोधित करते हैं.
गृह युद्ध में अलग हुए दोनों देश
ताइवान एक गृह युद्ध के बाद 1949 में मुख्य भूभाग से राजनीतिक रूप से अलग हो गया था. ताइवान के महज 15 औपचारिक राजनयिक सहयोगी हैं लेकिन वह अपने व्यापार कार्यालयों के जरिए अमेरिका और जापान समेत सभी प्रमुख देशों के साथ अनौपचारिक संबंध रखता है (China Taiwan Conflict Reason). चीन उन देशों के साथ आधिकारिक संबंध रखने से इनकार करता है जो ताइवान को एक संप्रभु देश के तौर पर मान्यता देते हैं.
चीन ने 15 देशों को मना लिया
चीन ने 15 देशों को ताइवान से संबंध खत्म करने के लिए राजी कर लिया है. इनमें से ज्यादातर अफ्रीका और लातिन अमेरिका में छोटे और गरीब देश हैं. अमेरिका और जापान समेत कई सरकारों के ताइवान के साथ व्यापक वाणिज्यिक संबंध रखने के साथ ही बीजिंग के साथ भी आधिकारिक कूटनीतिक संबंध हैं (Taiwan Relations With World Countries). कई देशों के व्यापार कार्यालयों के जरिए ताइवान की लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार के साथ संबंध हैं. ये व्यापार कार्यालय अनौपचारिक दूतावासों के रूप में काम करते हैं.
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