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प्रचंड के राज में ऐक्‍शन में आया चीन, भारत की बढ़ेगी टेंशन

Rounak Dey
28 Dec 2022 11:09 AM GMT
प्रचंड के राज में ऐक्‍शन में आया चीन, भारत की बढ़ेगी टेंशन
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ऐसे समय पर हुआ है जब नेपाल में चीन के इशारे पर नाचने वाले केपी शर्मा ओली के समर्थन से प्रचंड की सरकार बनी है।
काठमांडू: नेपाल में केपी शर्मा ओली के समर्थन से पुष्‍प कमल दहल प्रचंड की सरकार बनने के बाद भारत का धुर विरोधी चीनी ड्रैगन पूरी तरह से ऐक्‍शन में आ गया है। चीन भारत को जवाब देने के लिए न केवल हिमालय में ट्रेन दौड़ाने की तैयारी कर रहा है, बल्कि 3 साल के बाद नेपाल से लगी सीमा को व्‍यापार के लिए खोल दिया है। चीन के विशेषज्ञों का एक दल मंगलवार को काठमांडू पहुंच गया है जो हिमालय में दोनों देशों के बीच ट्रेन चलाने की संभावना का अध्‍ययन करेगा। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने इस चीनी रेल प्रॉजेक्‍ट पर आपत्ति जताई थी जिससे नेपाल श्रीलंका की तरह से चीनी कर्ज के महाजाल में फंस सकता है।
चीनी दूतावास के मुताबिक नेपाल और चीन के बीच यह रेलमार्ग 170 किमी लंबा हो सकता है जो तिब्‍बत के सीमाई कस्‍बे केरुंग कस्‍बे को नेपाल की राजधानी काठमांडू से जोड़े जाने की योजना है। रूसी मीडिया स्‍पूतनिक न्‍यूज ने नेपाली अधिकारियों के हवाले से बताया चीनी विशेषज्ञों को यह कार्यभार दिया गया है कि वे 'हमारे नेताओं में आम सहमति को बनाएं।' यह 'जमीन से चारों ओर से घिरे नेपाल को चारों तरफ से जोड़ने की दिशा में एक ठोस कदम है।' अभी तक केवल भारत का नेपाल के साथ व्‍यापार पर दबदबा है।
चीन ने 3 साल बाद नेपाली सीमा क्रॉसिंग को खोला
भारत के रास्‍ते ही नेपाल व्‍यापार करता है। यही नहीं चीन ने करीब 3 साल के बाद नेपाल के रासूवागादही सीमा क्रॉसिंग को खोल दिया है। मंगलवार को नेपाल ने 8 कंटेनर माल चीन को भेजा है। रासूवागादही नेपाल और चीन के बीच सबसे पुरानी व्‍यापार सीमा क्रॉसिंग है। इसके जरिए नेपाल चीन से कपड़े, सेब, जूते, बैग, मोटर बैटरी आदि का आयात भी करता है। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब नेपाल में चीन के इशारे पर नाचने वाले केपी शर्मा ओली के समर्थन से प्रचंड की सरकार बनी है।
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