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अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते प्रभुत्व के बीच मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में एक तालिबान प्रतिनिधिमंडल चीन
अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते प्रभुत्व के बीच मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में एक तालिबान प्रतिनिधिमंडल चीन के दौरे पर है। बुधवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के साथ उनकी मुलाकात हुई। तालिबान प्रतिनिधिमंडल की चीन यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना ने अपने हवाई हमलों में तेजी लाई है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें
दूसरे दोनों के बीच यह वार्ता ऐसे समय पर हो रही है, जब बीजिंग में इस बात को लेकर चिंता का माहौल है कि उइगर राज्य बनाने के लिए पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट की गतिविधियां बढ़ रही हैं। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच चल रही वार्ता पर चीन और तालिबान मौन हैं। तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के साथ चीन के विदेश मंत्री वांग की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं। इन तस्वीरों में विदेश मंत्री वांग के साथ तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन को भी देखा जा सकता है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने सूत्रों के हवाले से बताया कि तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने चीन के उत्तरी शहर तियानजिन में चीन के विदेश मंत्री के साथ मुलाकात की। बरादर कतर में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख है और अमेरिका के साथ वार्ता के लिए प्रमुख वार्ताकार हैं
अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात का सामना कर रहे हैं चीन और पाक
चीन के राज्य मीडिया ने वांग के हवाले से कहा है कि बीजिंग और इस्लामाबाद अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति के प्रभाव का प्रत्यक्ष सामना कर रहे हैं। दोनों देश अफगानिस्तान में गृह युद्ध को रोकने के प्रयास में जुटे हुए हैं, ताकि शांती बहाल हो सके। वांग ने कहा कि दोनों देश संयुक्त रूप से आतंकवाद का मुकाबला करेंगे, अफगानिस्तान में सभी प्रमुख ताकतों को आतंक को लेकर एक स्पष्ट रुख अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट जैसे आतंकवादी ताकतों पर सख्ती से कार्रवाई होगी और अफगानिस्तान को आतंक के लिए एक पनाहगाह बनने से रोका जाएगा।
2019 में तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने किया था चीन का दौरा
अफगानिस्तान में तालिबान और अफगान सेना के मध्य संघर्ष के बीच यह पहली बार है, जब तालिबान के वरिष्ठ नेताओं ने चीन का दौरा किया है। यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है, जब तालिबान ने अफगानिस्तान के एक बड़े हिस्से पर कब्जे जमाने के लिए हिंसक कार्रवाई की है। बता दें कि अमेरिकी और नाटो बलों की वापसी के बाद से तालिबान की कार्रवाई बढ़ी है। इसके पूर्व चीन ने 2019 में तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की जो अफगानिस्तान के विशेष दूत डेंग जिजुन से मिला था।
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