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दुनिया का सबसे बड़ा EV मार्केट बना चीन, इस शहर से सबक ले सकते हैं अन्य देश

Gulabi
28 Jun 2021 7:51 AM GMT
दुनिया का सबसे बड़ा EV मार्केट बना चीन, इस शहर से सबक ले सकते हैं अन्य देश
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दुनिया का सबसे बड़ा EV मार्केट बना चीन

दुनिया भर में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर जोर दिया जा रहा है. यही कारण है कि बड़ी से बड़ी कंपनी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बनाने पर जोर दे रही हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि इससे न तो ध्वनि प्रदूषण होगा और खर्चा भी कम आएगा. भारत में भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अपनाने पर काफी जोर दिया जा रहा है. लेकिन दक्षिणी चीन के लिउझाऊ (Liuzhou) शहर ने किया वो काबिल-ए-तारीफ है. यह छोटा सा शहर इलेक्ट्रिक वाहनों का सबसे बड़ा मार्केट बन गया है.


ग्वांगझाऊ की एक कंसलटिंग फर्म वेज इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पिछले साल लिउझाऊ शहर में जितनी कारें बिकी उसका 30 फीसदी इलेक्ट्रिक व्हीकल है. इस शहर में औसत की तुलना में 5 गुना ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें बिकती हैं. 40 लाख की आबादी वाला यह शहर इन दिनों दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट बन गया है.
अगर इंटरनेशनल लेवल पर बात की जाए तो यह इलेक्ट्रिक व्हीकल डेंसिटी के मामले में सिर्फ ओस्लो से पीछे है. जहां एक ओर चीन को प्रदूषण को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ता है वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल्स अपनाने के कारण लिउझाऊ की हवा पुरी तरह से स्वस्थ है.
वातावरण को शुद्ध करने में प्रशासन का बड़ा हाथ
लिउझाऊ का वातावरण पूरी तरह से शुद्ध होने का एक बड़ा कारण यहां के प्रशासन है जिसने लिउझाऊ को एक ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए कड़ी कोशिश की और अब यह शहर कार के रेंज, बैटरी सेफ्टी आदि जैसे परेशानियों से बाहर निकल चुका है. टेस्ला को पीछे छोड़ने वाली और सस्ते इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली लोकल कार कंपनी SAIC-GM-Wuling ऑटोमोबाइल कंपनी के साथ काम किया और लोगों को इलेक्ट्रिक कार खरीदने के लिए प्रेरित करने के लिए उन्होंने कई इंसेंटिव की शुरुआत की और टेस्ट ड्राइव से लेकर प्री पार्किंग और हजारों चार्जिंग पॉइंट्स बनाए.
इस शहर से सबक ले सकते हैं अन्य देश
इलेक्ट्रिक कार को पर्यावरण के लिए काफी सुरक्षित माना जा रहा है. यही कारण है कि कई देश इलेक्ट्रिक कारों पर जोर दे रहे हैं. जर्मनी से लेकर अमेरिका तक की सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदारी पर काफी सब्सिडी दे रही हैं, उसके बाद भी लोग पेट्रोल और डीजल कार की ही खरीदारी कर रहे हैं. ऐसे में चीन के लिउझाऊ से यह सबक लिया जा सकता है कि कैसे इलेक्ट्रिक कारों को अपनाकर कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सकता है.
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