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चीन ने कोविड-19 के 16 स्वदेशी टीकों के क्लीनिकल ट्रायल
चीन ने एक साथ 16 स्वदेशी COVID टीकों को दी क्लीनिकल ट्रायल की स्वीकृति चीन (china) ने कोविड-19 के 16 स्वदेशी टीकों (Indigenous Vaccine) के क्लीनिकल ट्रायल (Clinical Trial) की मंजूरी दी है. इनमें से छह टीके ट्रायल के तीसरे चरण में हैं. सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की खबर में यह जानकारी दी गई है. खबर के मुताबिक 16 स्वदेशी टीकों में छह टीकों का परीक्षण तीसरे चरण (Third Stage of Trial) में है, जो आखिरी चरण है. इससे पहले, चीन ने सरकारी कंपनियों सिनोफार्म (Sinopharm) और सिनोवैक बायोटेक (Sinovac Biotech) द्वारा निर्मित दो टीकों को सशर्त इस्तेमाल की मंजूरी (Approval) दी थी.
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार चीन में कोरोना वायरस के चलते 4,833 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अब तक कुल 100,727 मामले सामने आ चुके हैं. न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि 9 फरवरी तक चीन ने 40.52 मिलियन कोविड-19 वैक्सीन की खुराकें प्रमुख समूहों को दी जा चुकी हैं.
चीन में सुस्त वैक्सीनेशन की रफ्तार
पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीन जाहिर तौर पर अपने घरेलू टीकाकरण कार्यक्रम की तुलना में कोविड-19 टीका कूटनीति को ज्यादा प्राथमिकता दे रहा है. रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन अपने देश में टीके लगाने से ज्यादा मात्रा में उनका निर्यात कर रहा है.
हांगकांग स्थित अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के आंकड़ों के अनुसार चीन ने बीते सोमवार तक कम से कम 4.6 करोड़ तैयार टीकों या उसकी सामग्री दुनिया भर में भेजी है. इसके अलावा अभी और लाखों खुराकें भेजी जानी हैं. इसके विपरीत, देश के स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कहा कि चीन में नौ फरवरी तक टीकों की 4.05 करोड़ खुराकें दी गई थीं जबकि अमेरिका में पांच करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं.
टीका लगवाने से झिझक रहे लोग
हालांकि चीन ने कुछ दिनों के अंदर ही कोविड-19 को लेकर लाखों जांच कराई थीं लेकिन वह जनवरी के शुरू में घोषित टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने में नाकाम रहा है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपने नववर्ष से पहले पांच करोड़ लोगों को टीके लगाने की बात कही थी.
चीनी न्यू ईयर और वसंत महोत्सव मनाने के लिए चीन आधिकारिक रूप से 11 से 18 फरवरी तक बंद है. रिपोर्ट के अनुसार चीन के घरेलू टीकाकरण कार्यक्रम में कई चुनौतियों हैं जिनमें टीके को लेकर लोगों की झिझक, सीमित आपूर्ति और चीन निर्मित टीकों की कम प्रभावशीलता शामिल हैं.
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