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चीन ने हडसन इंस्टीट्यूट, रीगन लाइब्रेरी और उनके नेताओं के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की घोषणा की

Rani Sahu
7 April 2023 1:39 PM GMT
चीन ने हडसन इंस्टीट्यूट, रीगन लाइब्रेरी और उनके नेताओं के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की घोषणा की
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बीजिंग (आईएएनएस)| चीनी विदेश मंत्रालय ने 4 अप्रैल को अमेरिका के हडसन इंस्टीट्यूट, रोनाल्ड रीगन राष्ट्रपति पुस्तकालय और उनके नेताओं के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने के फैसले की घोषणा की, जो इस प्रकार हैं: चीन के बार-बार मामला उठाने और ²ढ़ विरोध करने की अवहेलना करते हुए, अमेरिका ने थाईवान क्षेत्र की नेता त्साई इंग-वेन को इस वर्ष 29 से 31 मार्च तक और 4 से 6 अप्रैल तक राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए अमेरिका में रुकने की अनुमति देने पर जोर दिया। अमेरिका में हडसन इंस्टीट्यूट और रीगन लाइब्रेरी ने देश में थाईवान स्वतंत्रता अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए त्साई इंग-वेन के लिए मंच और सुविधा प्रदान की, जिसने एक-चीन सिद्धांत और तीन चीन-अमेरिका संयुक्त विज्ञप्ति के प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन किया है, चीन की संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है।
चीन लोक गणराज्य के विदेशी-प्रतिबंध विरोधी कानून के अनुच्छेद 4, 5, 6 और 15 के अनुसार, चीन ने अमेरिका के हडसन इंस्टीट्यूट, रीगन लाइब्रेरी और उनके नेताओं के खिलाफ निम्न कदम उठाए हैं।
हडसन इंस्टीट्यूट और रीगन लाइब्रेरी दोनों संस्थाओं को चीन में विश्वविद्यालय, संस्थान आदि संगठनों और व्यक्तियों के साथ लेन-देन, आदान-प्रदान, सहयोग आदि गतिविधियों को संचालित करने से सख्ती से प्रतिबंधित किया गया है।
वहीं हडसन इंस्टीट्यूट की बोर्ड अध्यक्ष सारा स्टर्न, इंस्टीट्यूट के निदेशक जॉन वाल्टर्स, रीगन फाउंडेशन के पूर्व कार्यकारी निदेशक, रीगन लाइब्रेरी के दैनिक रखरखाव के प्रभारी जॉन हेबुश, और रीगन लाइब्रेरी की मुख्य प्रशासनिक अधिकारी जोआन ड्रेक समेत चार व्यक्तियों के खिलाफ निम्न कदम उठाए गए हैं।
पहला, उक्त व्यक्तियों की चीन के भीतर चल-अचल संपत्ति और अन्य प्रकार की संपत्ति को फ्रीज किया गया है।
दूसरा, चीन के भीतर संगठनों और व्यक्तियों को उनके साथ प्रासंगिक लेन-देन, सहयोग आदि गतिविधियों का संचालन करने से प्रतिबंधित किया गया है।
तीसरा, उक्त व्यक्तियों को वीजा जारी नहीं किया जाएगा और उन्हें चीन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।
चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, उपरोक्त फैसला 7 अप्रैल से लागू होगा।
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