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पुल से दोनों देशों के बीच कार्गो कारोबार प्रति वर्ष 1 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा.
यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद एक तरफ जहां लगभग पूरी दुनिया रूस के खिलाफ हो गई तो वहीं दूसरी तरफ चीन उसके साथ खड़ा रहा और दोनों देशों एक-दूसरे के काफी नजदीक आ गए. यह नजदीकियां लगातार बढ़ रही हैं. इस बीच खबर आई है कि रूस और चीन ने हाल ही में दोनों देशों के बीच पहले सड़क पुल का अनावरण किया है. अमूर नदी पर बना 1 किलोमीटर लंबा यह पुल यूक्रेन में मॉस्को के युद्ध के बीच दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाता है. कनेक्टिविटी की बात करें तो यह ब्लागोवेशचेंस्क शहर को उत्तरी चीन के हीहे से जोड़ता है.
दोनों देशों के बीच रेल पुल पर भी चल रहा काम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह पुल अमूर नदी पर पहले रेलवे पुल के रूसी खंड के निर्माण के एक महीने बाद शुरू हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया है कि रेल पुल के जरिए भी दोनों देश एक दूसरे से जुड़ जाएंगे. रेल पुल पूर्वोत्तर प्रांत हेइलोंगजियांग में टोंगजियांग शहर और रूसी शहर निज़नेलिनिनस्कॉय को जोड़ेगा.
इसलिए दोनों देशों में बढ़ रही नजदीकियां
दरअसल, दोनों ही देश से संयुक्त राज्य अमेरिका का 36 का आंकड़ा है. अक्सर अमेरिका चीन और रूस पर दबाव डालने की कोशिश करता रहता है. अमेरिका के वैश्विक प्रभुत्व का मुकाबला करने के लिए ही मॉस्को और बीजिंग दोनों ने पिछले कुछ साल में राजनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाया है.
पुलिस से जुड़ी 5 महत्वपूर्ण बातें
अब हम आपको बताने जा रहे हैं दोनों देशों को जोड़ने वाले इस पुलिस की कुछ महत्वपूर्ण बातें.
पुल का निर्माण 2 साल पहले पूरा हुआ था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसका उद्घाटन स्थगित कर दिया गया था.
ब्लागोवेशचेंस्क में एक समारोह के साथ पुल को माल ढुलाई के लिए खोल दिया गया, जिसमें आतिशबाजी के साथ पहले ट्रकों का स्वागत किया गया.
रूस टुडे वेबसाइट के मुताबिक, चीन की ओर से रूस के लिए कार टायर और बिजली के उपकरण से लदे आठ ट्रक रवाना हुए.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2 ट्रैफिक लेन वाले इस पुल को बनाने में करीब 19 बिलियन रूबल (328 मिलियन डॉलर) का खर्चा आया है.
रूसी परिवहन मंत्रालय के प्रमुख विटाली सेवलीव ने उम्मीद जताई है कि पुल से दोनों देशों के बीच कार्गो कारोबार प्रति वर्ष 1 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा.
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