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'चंद्रमा और मंगल के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने के लिए चीन और रूस कर रहे साझेदारी', अमेरिकी एजेंसी का अलर्ट

Renuka Sahu
13 April 2022 3:36 AM GMT
चंद्रमा और मंगल के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने के लिए चीन और रूस कर रहे साझेदारी, अमेरिकी एजेंसी का अलर्ट
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फाइल फोटो 

चीन और रूस ने अमेरिका की नाक में दम कर रखा है. अमेरिका इन दोनों देशों से पार पाने के लिए हर संभव कोशिश करता है, लेकिन वह कामयाब होती नहीं दिखतीं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन और रूस ने अमेरिका की नाक में दम कर रखा है. अमेरिका इन दोनों देशों से पार पाने के लिए हर संभव कोशिश करता है, लेकिन वह कामयाब होती नहीं दिखतीं. अब एक बार फिर इन दोनों देशों ने अमेरिका की चिंताएं बढ़ा दी हैं. इस बार चिंता जमीन से जुड़ी नहीं, बल्कि चांद और मंगल से संबंधित है. अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) के अंतरिक्ष औऱ काउंटर स्पेस के एक वरिष्ठ रक्षा विश्लेषक कीथ राइडर ने मंगलवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि मॉस्को और बीजिंग अगले 30 वर्षों में चांद और मंगल पर मौजूद प्राकृतिक संसाधनों का पता लगाने और उनका दोहन करने की योजना बना रहे हैं.

क्या है चेतावनी
कीथ राइडर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि, दोनों देश अगले 30 साल में चंद्रमा और मंगल पर मिलकर काम करने की योजना बना रहे हैं. अगर वह सफल होते हैं तो चीन और रूस द्वारा मिलकर चंद्रमा और मंगल के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने की संभावना बढ़ेगी. बता दें कि यह चेतावनी इस अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी द्वारा अंतरिक्ष में सुरक्षा के लिए चुनौतियों पर एक नई रिपोर्ट प्रकाशित करने के बाद आई है, जो इस क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका के मुख्य प्रतियोगियों के रूप में रूस और चीन पर केंद्रित है.
अमेरिका के दबदबे को कम करने की कोशिश
इस रिपोर्ट के अनुसार, रूस और चीन आने वाले समय में अंतरिक्ष सेक्टर में सबसे शक्तिशाली बनना चाहते हैं. बीजिंग और मॉस्को नए वैश्विक अंतरिक्ष मानदंड बनाने के इरादे से खुद को अग्रणी अंतरिक्ष शक्तियों के रूप में स्थापित करना चाहते हैं. एजेंसी ने कहा कि अंतरिक्ष और काउंटर स्पेस क्षमताओं के उपयोग के माध्यम से वे विश्व में अमेरिकी दबदबे को कम करना चहाते हैं.
तेजी से बढ़ रही दोनों की साझेदारी
2019 और 2021 के बीच चीन और रूस के इस सेक्टर में संयुक्त परिचालन में करीब 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह हालिया और निरंतर विस्तार विकास की अवधि (2015-2018) का अनुसरण करता है जहां चीन और रूस ने अपने संयुक्त उपग्रह बेड़े में 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की थी.
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