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चीन और पाकिस्‍तान, भारत की इस सैन्‍य रणनीति से हुए चिंतित, मल्‍टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट से मजबूत होगी IAF

Renuka Sahu
14 Jun 2022 12:53 AM GMT
China and Pakistan worried about this military strategy of India, IAF will be stronger with multi-role fighter aircraft
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फाइल फोटो 

भारत की इस रक्षा रणनीति से चीन और पाकिस्‍तान की चिंता बढ़ गई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत की इस रक्षा रणनीति से चीन और पाकिस्‍तान की चिंता बढ़ गई है। पड़ोसी देशों से मिल रही रक्षा चुनौती से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना 114 फाइटर जेट खरीदने की तैयारी कर रही है। इन मल्‍टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट के रक्षा सौदों के जरिए भारतीय वायुसेना लगातार कम होते लड़ाकू विमानों की कमी को पूरा कर पाएगी। यह माना जा रहा है कि यह पूरा सौदा करीब 20 अरब डालर का हो सकता है। इस रक्षा सौदे की दौड़ में फ्रांस का राफेल, अमेरिकी कंपनी बोइंग का एफ-15ईएक्‍स और एफ-18 तथा लाकहीड मार्टिन का एफ-21 लड़ाकू विमान शामिल है। आइए जानते हैं क्‍या है पूरा मामला।

1- बोइंग एफ- 15ईएक्‍स युद्धक विमान : बोइंग कंपनी का यह भी एक शानदार युद्धक विमान है। एफ-15ईएक्‍स युद्धक विमान एफ-15C लड़ाकू विमान का अपग्रेड वर्जन है। यह युद्धक अमेरिकी वायुसेना में 1970 के दशक से अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है। बोइंग कंपनी ने इसे समय-समय पर अपग्रेड किया है। बोइंग कंपनी का दावा है कि यह विमान अपनी श्रेणी में पेलोड ले जाने और स्‍पीड में सबसे आगे है। पेलोड से मतलब विमान से हथियारों को ले जाने की क्षमता से है। यह विमान अत्‍याधुनिक रडार से लैस है। इस विमान को ऐसे बनाया गया है कि इसे कभी भी अपग्रेड किया जा सकता है। इससे यह पुराना नहीं पड़ता है। यह विमान हवा से हवा में मिसाइलें दागने में सक्षम है। यह अपने जीवनकाल में 20 हजार घंटे तक उड़ान भर सकता है।
2- लाकहीड मार्टिन का F-21 लड़ाकू विमान: इस क्रम में अमेरिकी कंपनी लाकहीड मार्टिन का एफ-21 व‍िमान एफ-16 लड़ाकू विमान का अपग्रेड वर्जन है। यह विमान अभी केवल पेपर पर बना है और अभी तक इसका निर्माण शुरू नहीं हुआ है। लाकहीड का दावा है कि युद्ध के समय यह विमान कई तरह की भूमिकाएं एक साथ निभा सकता है। इसका सिंगल सीटर और डबल सीटर दोनों ही संस्‍करण मौजूद है।
3- स्‍वीडन का ग्रिपेन फाइटर जेट: भारतीय वायुसेना के लिए स्‍वीडन का ग्रिपेन फाइटर जेट भी रेस में है। यह विमान बेहद हल्‍का और एक इंजन वाला है। इस मल्‍टीरोल फाइटर जेट को स्‍वीडन की रक्षा कंपनी साब एबी बनाती है। इस विमान को वर्ष 1996 में स्‍वीडन की वायुसेना में शामिल किया गया था। यह विमान 150 किमी तक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल से लैस है। इसे ऐसे बनाया गया है कि नई तकनीक आने पर उसे आसानी से शामिल किया जा सकता है। इस विमान को चेक गणराज्‍य, हंगरी, दक्षिण अफ्रीका और थाइलैंड की वायुसेना में शामिल किया गया है।
4- फ्रांस का राफेल फाइटर जेट : फ्रांस का राफेल फाइटर जेट पहले से भारतीय वायुसेना में शामिल है। साल 2016 में 36 विमानों का समझौता हुआ था। यह लड़ाकू विमान अकेले ही कई तरह के मिशन को अंजाम दे सकता है। इसकी अधिकतम रफ्तार 4.5 मैक है, जो ध्‍वनि की रफ्तार से लगभग दोगुना है। यह फिलहाल भारत का सबसे खतरनाक फाइटर जेट है। इसका इस्‍तेमाल जासूसी, सैनिकों को जमीनी सपोर्ट, लंबी दूरी तक हमला करने और दुश्‍मन के युद्धपोतों को तबाह करने के लिए किया जा सकता है। यह करीब 3700 किमी तक हमला करने में सक्षम है। यह विमान कई तरह की घातक मिसाइलों और बमों से लैस है। इसका इस्‍तेमाल अफगानिस्‍तान, लीबिया, माली, इराक और सीरिया की जंग में किया जा चुका है।
5- अमेरिका का 700 F/A-18 : बोइंग कंपनी का यह फाइटर जेट हाल ही में आई फिल्‍म टापगन में दिखा था। अमेरिका का यह युद्धक विमान युद्ध की तस्‍वीर बदल सकता है। यह बेहद सक्षम और शक्तिशाली है। अगर यह भारतीय वायुसेना में शामिल होता है तो भारतीय वायु सेना की ताकत में बड़ा इजाफा होगा। यह विमान पिछले चार दशक से अमेरिकी नौसेना के लिए प्रमुख एयरक्राफ्ट बना हुआ है। इसे लड़ाकू और हमलावर दोनों ही तरह के हमलों के लिए डिजाइन किया गया है। भारतीय वायुसेना जिस विमान पर विचार कर रही है, वह दो इंजन वाला है और एयरक्राफ्ट कैरियर पर भी उतर सकता है। यह विमान 2500 पाउंड के वजन उठा सकता है। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली एयर-टू-एयर मिसाइल लगी है। इस विमान में हवा से जमीन पर हमला करने वाली मिसाइल लगी है।


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