चीन का जे-20 लड़ाकू विमान महाशक्तिशाली बनाने का टूटा सपना, अमेरिका और रूस ने ऐसे दी मात
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: भारतीय वायुसेना में राफेल लड़ाकू विमानों की बढ़ती तादाद से चीन के होश उड़े हुए हैं। इस बीच उसके J-20 लड़ाकू विमान को महाशक्तिशाली बनाने का सपना भी चकनाचूर हो गया है। चीन के इस सपने पर पानी फेरने के पीछे अमेरिका और रूस का हाथ बताया जा रहा है। दरअसल, चीन अपने J-20 लड़ाकू विमान को अधिक ताकतवर बनाने के लिए यूक्रेन की इंजन निर्माता कंपनी मोटर सिच पर कब्जा करने के फिराक में था। मोटर सिच दुनिया की जानी मानी विमान इंजन निर्माता कंपनी है। इस कंपनी ने रूसी एमआई हेलिकॉप्टर, एंटोनोव एयरक्राफ्ट सहित कई विमानों के लिए इंजन बनाए हैं। इस कंपनी के बने इंजनों को भारतीय वायुसेना भी अपने हेलिकॉप्टरों और एयरक्राफ्ट में इस्तेमाल करती है। चीन को अपने इस स्टील्थ फाइटर जेट को ताकतवर बनाने के लिए एक शक्तिशाली इंजन की तलाश थी। चूंकि, लड़ाकू विमानों के इंजन की तकनीकी बहुत जटिल होती है और चीन के पास ऐसा कोई इंजन नहीं है जो जे-20 को उतनी ताकत दे सके जितना ड्रैगन चाहता है। इसके लिए चीन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक साजिश रची। अमेरिका को तो पहले से ही चीन की नीयत पर शक था, वहीं रूस को बाद में चीन की चोरी का पता चला। जिसके बाद वह भी चीन के खिलाफ हो गया। 2020 के आखिरी महीने में ही चीन ने गोबी रेगिस्तान में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) के जे-20 विमानों के साथ युद्धाभ्यास किया था। इस युद्धाभ्यास में शामिल छह जे-20 फाइटर जेट्स ने लद्दाख के पास तैनात H-6 बमवर्षक विमानों के साथ लाइव फायर एक्सरसाइज की थी।