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चीन ने फिर ताइवान में भेजे 4 लड़ाकू विमान, अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा 'ड्रैगन'

Renuka Sahu
7 Dec 2021 6:39 AM GMT
चीन ने फिर ताइवान में भेजे 4 लड़ाकू विमान, अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा ड्रैगन
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फाइल फोटो 

खुद से कमजोर देश पर ताकत का धौंस दिखाने वाला चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। खुद से कमजोर देश पर ताकत का धौंस दिखाने वाला चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ताइवान पर बुरी नजर गड़ाए बैठे ड्रैगन ने एक बार फिर से हिमाकत की है और ताइवान में अपने चार सैन्य विमान भेजे हैं। सोमवार को बीजिंग से बढ़ते सैन्य खतरों का एक और उदाहरण उस वक्त दिखा जब कम से कम चार चीनी सैन्य विमानों ने ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (एडीआईजेड) में प्रवेश किया। हालांकि, ताइवान के जवाबी कार्रवाई से भाग खड़े हुए। चीन की ओर से इस महीने यह पांचवीं घुसपैठ है।

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स के दो शेनयांग J-11 लड़ाकू विमान, एक शानक्सी Y-8 पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान और एक शानक्सी Y-8 टोही हवाई जहाज ने ताइवान के एयर स्पेस के दक्षिण-पश्चिम कोने में उड़ान भरी। हालांकि, इसकके जवाब में ताइवान ने भी अपने लड़ाकू विमान भेजे। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने सूचना दी कि बीजिंग से घुसपैठ के जवाब में ताइवान ने विमान भेजे और चीनी विमानों को ट्रैक करने के लिए वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली तैनात करते हुए रेडियो चेतावनी जारी की।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि 13 चीनी सैन्य विमानों ने इस महीने ताइवान के एयर डिफेंस क्षेत्र में घुसपैठ की है, जिसमें सात स्पॉटर विमान और छह लड़ाकू जेट शामिल हैं। बता दें कि बीजिंग इस लोकतांत्रिक द्वीप यानी ताइवान पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है और इसी वजह से उसने ताइवान में सैन्य घुसपैठ बढ़ा दी है।
चीन के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित ताइवान लगभग 24 मिलियन लोगों का लोकतांत्रिक देश है। सात दशकों से अधिक समय तक अलग-अलग शासन करने के बावजूद चीन ने धमकी दी है कि ताइवान की स्वतंत्रता का अर्थ युद्ध है। यही वजह है कि एक जून को चीनी राष्ट्रपति ने ताइवान को चीन में मिलाने का संकल्प लिया था।
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