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चीन ने लद्दाख में फिर दिखाई अकड़, गोगरा-हॉट स्प्रिंग से सैनिक हटाने से किया इन्कार

Deepa Sahu
15 April 2021 9:18 AM GMT
चीन ने लद्दाख में फिर दिखाई अकड़, गोगरा-हॉट स्प्रिंग से सैनिक हटाने से किया इन्कार
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चीन अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: चीन अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा है। ड्रैगन भारत चीन सीमा पर विवाद को सुलाझाने की बयाज अकड़ दिखा रहा है। भारत लगातार कोशिश कर रहा है कि चीन के साथ जारी गतिरोध को कम किया जाए, लेकिन चीन ने एक बार फिर अड़ियल रुख अपनाते हुए पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग के संघर्ष वाले क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटाने से इनकार कर दिया है।

पिछले हफ्ते चीन और भारत के बीच 13 घंटे तक चली 11वें दौर की सैन्य वार्ता चली थी, जिसमें चीन ने इन इलाकों से पीछे हटने पर इनकार कर दिया। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाकों में अप्रैल, 2020 से पहले वाली स्थिति पर वापस जाने से साफ इनकार कर दिया है। चीनी सेना पीएलए ने पीछे हटने की बजाय अपनी ओर से भारतीय सेना को विचार करने के लिए कुछ प्रस्ताव दिए हैं। इस इलाके में सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने में कुछ और समय लगेगा।

पीछे लौटना नहीं चाहता चीन
ड्रैगन चाहता है कि भारतीय सेना अब वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास पट्रोलिंग पॉइंट 15 और 17ए पर उसकी नई स्थिति को स्वीकार करे और वह इन इलाकों में अप्रैल, 2020 से पहले की स्थिति पर जाने में भी आनाकानी कर रहा है।
2013 से है तनाव, हल करने के मूड में नहीं चीन
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाकों में चीन के करीब 60 सैनिक अप्रैल, 2020 की स्थिति से आगे मौजूद हैं। इस इलाके को खाली करने की प्रक्रिया तब तक पूरी नहीं मानी जाएगी, जब तक चीन अपने सैनिक नहीं हटाएगा। एक बार यह चरण पूरा हो जाए, इसके बाद देपसांग इलाके में भारतीय सेना के पट्रोलिंग अधिकारों के मुद्दे पर आगे बढ़ा जाएगा। यह मुद्दा साल 2013 से बना हुआ है।'
रणनीतिक तौर से बेहद अहम हैं इलाके
दरअसल, ये क्षेत्र भारत और चीन दोनों के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है। चीनी सेना गोगरा, हॉट स्प्रिंग और कोंगका ला क्षेत्र से इलाके में तैनात अपने सैनिकों के लिए भारी मात्रा में रसद पहुंचा पाती है। दसवें दौर की सैन्य वार्ता 20 फरवरी को हुई थी। दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से अपने-अपने सैनिक और हथियारों को पीछे हटाने पर राजी हुईं थीं। हालांकि, अब चीन इसमें आनाकानी कर रहा है।
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