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उसका व्यापार बहुत कम हो गया है। चीन नेपाल में अपनी बेल्ट एंड रोड परियोजना को शुरू करना चाहता है।
काठमांडू: नेपाल की जमीन पर कब्जा करने के बाद अब चीनी ड्रैगन ने अपने 'दोस्त' के खिलाफ एक और चाल चली है। चीन ने नेपाल से लगती सीमा पर बिना सलाह के ही बाड़ लगाना शुरू किया है। बताया जा रहा है कि चीन नेपाल के गोरखा जिले के दाशगज्जा इलाके में सीमा पर बाड़ लगा रहा है। यही नहीं चीन ने इस इलाके में नेपाली लोगों के सीमा पार आने-जाने पर एकतरफा प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले चीन ने हुमला जिले में नेपाल की जमीन पर कब्जा कर लिया था और वहां अपनी सैन्य चौकी बना ली थी।
चीन का दावा है कि नेपाल उसका घनिष्ठ मित्र देश है लेकिन अब ड्रैगन दोस्त को ही आंखें दिखा रहा है। खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक चीन नेपाल के हुमला में सीमा पर लगे पिलर के बाहर जाकर घरों का निर्माण किया है जो नेपाल के इलाके में आता है। सीमा पर एकतरफा बाड़ लगाने की खबरों के आने के बाद अब नेपाल के सरकारी प्रवक्ता ने कहा है कि दोनों देशों ने 1414 किमी लंबी सीमा की संयुक्त जांच करने का फैसला किया है।
चीन ने गोरखा जिले में रुइला बॉर्डर प्वाइंट पर बाड़ लगाई
चीन और नेपाल दोनों ही एक संयुक्त दल को तैनात करेंगे। यह दल सीमा पर लगे पिलर की जांच करेंगे। प्रवक्ता ने कहा कि दोनों ही पक्ष आपसी विचार को फिर से शुरू करने पर सहमत हुए हैं। इससे पहले खुलासा हुआ था कि चीन ने गोरखा जिले में रुइला बॉर्डर प्वाइंट पर एक बाड़ लगा दी है। इसके बारे में नेपाली पक्ष को चीन ने कुछ भी नहीं बताया। इससे पहले बीबीसी ने खुलासा किया था कि चीन नेपाल से लगती सीमा पर अतिक्रमण करने के अभियान में जुट गया है।
इस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि नेपाल सुरक्षा की गारंटी देने के लिए अपने सुरक्षा बलों को सीमा के पास तैनात करे। बीबीसी के इस खुलासे के बाद चीन के दूतावास ने इसका पूरी तरह से खंडन किया था। चीन ने दावा किया कि दोनों ही पक्षों ने साल 1960 में ही सीमा विवाद को सुलझा चुके हैं। चीन में कोरोना लॉकडाउन लगने के बाद अब नेपाल के साथ उसका व्यापार बहुत कम हो गया है। चीन नेपाल में अपनी बेल्ट एंड रोड परियोजना को शुरू करना चाहता है।
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