पाकिस्तान (Pakistan) में बच्चों को पोलियो (Polio) की खुराक पिलाने गई टीम सुरक्षा में तैनात दो पुलिस अधिकारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। यह वाक्या मंगलवार को खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) प्रांत के टैंक जिले का है।
समाचार एजेंसी डीपीए ने एक स्थानीय पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा कि हमलावर मोटरसाइकिल पर सवार थे, जो वारदात को अंजाम देने के बाद तुरंत वहां से रफूचक्कर हो गए। अभी तक किसी भी उग्रवादी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
थम नहीं रहा स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला
सोमवार को प्रांतीय सरकार ने पांच साल तक की उम्र के लाखों बच्चों के लिए पोलियो रोधी टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की। मालूम हो कि पाकिस्तान में पोलियो रोधी टीकाकरण कार्यक्रम (Anti Polio Vaccination Drive) ने लगभग पिछले एक साल से फिर से रफ्तार पकड़ ली है। लेकिन पिछले कुछ महीनों में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से टीकाकरण कर्मियों पर हमला किए जाने के 14 नए मामले सामने आए हैं।
पोलियो की जंजीरो में पाकिस्तान
गौर करने वाली बात है कि पाकिस्तान दुनिया के कुछ उन चुनिंदा देशों में से हैं जहां पोलियो के नए मामले अब भी देखे जा रहे हैं। हालांकि साल 2014 में पोलियो के दर्ज हुए 306 मामलों के मुकाबले इसकी चपेट में आ रहे बच्चों की संख्या में इस बीच उल्लेखनीय रूप से गिरावट आई है।
सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि उसका पड़ोसी देश अफगानिस्तान (Afghanistan) भी इसी समस्या से आज भी जूझ रहा है। इसी के साथ अमेरिका (America) और ब्रिटेन (Britain) में हाल के दिनों में सीवेज वॉटर में पोलियो के वायरस का पता लगा था।
आतंकियों की सोच बनी बच्चों के लिए सजा
पाकिस्तान के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां अलकायदा से जुड़े आतंकवादी अकसर स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला बोलते हैं। पहले भी वैक्सीन लगाने के लिए गए दर्जनों स्वास्थ्य कर्मी और उनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षा अधिकारी मौत के घाट उतार दिए गए हैं। यहां आतंकवाद के कट्टरपंथी आकाओं का मानना है कि पोलियो की खुराक बांझपन की वजह बनती है।
कट्टरपंथियों की इन्हीं दकियानूसी अफवाहों के कारण पाकिस्तान आज भी पोलिया जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। जबकि भारत सहित दुनिया के कई देश पोलियो मुक्त घोषित हो चुके हैं।