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Checkmate Fighter Jet: रूस देश का नया हथियार, क्या भारत इसको खरीद पाएगा

Nilmani Pal
21 July 2021 2:27 PM GMT
Checkmate Fighter Jet: रूस देश का नया हथियार, क्या भारत इसको खरीद पाएगा
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मंगलवार को रूस ने अपने नए सुखोई ख़ुफ़िया फ़ाइटर जेट "चेकमेट" का अनावरण राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में एक एयर शो में किया.

मंगलवार को रूस ने अपने नए सुखोई ख़ुफ़िया फ़ाइटर जेट "चेकमेट" का अनावरण राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में एक एयर शो में किया.

इस पाँचवीं पीढ़ी के स्टैल्थ फ़ाइटर जेट के प्रोटोटाइप के बारे में जानकारी मॉस्को के बाहर ज़्हुकोवस्की में आयोजित मैक्स-2021 एयर शो में दी गई.
इस लड़ाकू विमान को अमेरिकी स्टैल्थ फ़ाइटर जेट एफ़-35 का प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है और रूस इसे दुनिया भर के कई देशों को बेचने की योजना बना रहा है.
चेकमेट को राज्य के स्वामित्व वाली सैन्य निर्यात दिग्गज कंपनी रोस्टेक और यूनाइटेड एयरक्राफ़्ट कॉरपोरेशन ने विकसित किया है.
रूस की सरकार की मंशा इस विमान को निर्यात के लिए बनाने की ही लगती है.
क्या है "चेकमेट"?
उपलब्ध जानकारी के अनुसार चेकमेट फ़ाइटर जेट सुखोई सु-57 ट्विन-इंजन लड़ाकू विमान से हल्का है और विभिन्न रेंज की हवा से हवा में मार करने वाली पाँच मिसाइलों को ले कर उड़ान भर सकता है.
ये विमान उड़ान के दौरान ड्रोन को लॉन्च करने और कुल मिलाकर 7.5 टन भरी हथियार ले जाने की क्षमता रखता है.
चेकमेट को उड़ान के लिए टेक-ऑफ़ या लैंडिंग के लिए बहुत छोटे रनवे की ज़रूरत पड़ती है और ये भी इस विमान की एक ख़ास बात मानी जा रही है.
इस विमान को पाँचवीं पीढ़ी के हल्के सिंगल-इंजन लड़ाकू जेट के रूप में विकसित किया गया है और इसकी बड़ी ख़ूबियों में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को गिना गया है.
जेट के निर्माताओं का कहना है कि चेकमेट में इस्तेमाल किया गया आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस एक सह-पायलट के रूप में काम करता है और युद्ध की स्थिति में पायलट के लिए सहायक साबित होगा.
इस जेट के निर्माताओं के अनुसार ये ज़मीन हवा या समुद्र पर एक साथ छह लक्ष्यों पर हमला कर सकता है और उस स्थिति में भी कारगर है जब इसे मज़बूत इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा हो.
चेकमेट की क़ीमत क़रीब 25 से 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर होगी. ज़मीनी परीक्षणों के बाद ये विमान 2023 में अपनी पहली उड़ान भरेगा और रूस 2026 से इसे ग्राहक देशों को बेचना शुरू कर देगा.
यूनाइटेड एयरक्राफ़्ट कॉरपोरेशन ने कहा है कि उसकी योजना अगले 15 साल में 300 चेकमेट विमान बनाने की है. कंपनी के अनुसार 300 का आँकड़ा इस विमान के ग्राहकों की ज़रूरतों का अंदाज़ा लगा कर दिया गया है.
चेकमेट के निर्माता इस विमान के मानव रहित संस्करण को विकसित करने के काम पर भी लगे हुए हैं.


क्या भारत "चेकमेट" ख़रीदेगा?

महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या रूस के इस नए ख़ुफ़िया फ़ाइटर जेट के ख़रीददारों में भारत भी शामिल होने जा रहा है?
भारत की तरफ़ से अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन ज़ाहिर है कि इस फ़ाइटर जेट को बनाने वाली कंपनी भारत को एक ख़रीददार के तौर पर देख रही है.
चेकमेट के निर्माताओं ने हाल ही में विमान के अनावरण से पहले एक टीज़र वीडियो जारी किया. इस वीडियो में चार देशों के पायलटों को नए विमान का इंतज़ार करते हुए दिखाया गया है.
ये चार देश हैं- संयुक्त अरब अमीरात, भारत, वियतनाम और अर्जेंटीना. इस टीज़र की वजह से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद रूस इन तीन देशों सहित भारत को भी चेकमेट के एक संभावित ग्राहक के रूप में देख रहा है.
लेकिन भारत के चेकमेट फ़ाइटर जेट को ख़रीदने की संभावना कम ही लगती है. चैकमेट एक सिंगल-इंजन लड़ाकू विमान है और भारत पहले ही 45,696 करोड़ रूपए की लागत पर सिंगल-इंजन लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ़्ट (एलसीए) तेजस एमके -1 के 73 लड़ाकू विमान और 10 ट्रेनर विमान की ख़रीद को मंज़ूरी दे चुका है.
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस भारत में बनने वाला सिंगल-इंजन चौथी पीढ़ी का मल्टीरोल लाइट फ़ाइटर विमान है, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के एयरक्राफ़्ट रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर (एआरडीसी) के सहयोग से भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए डिज़ाइन किया है.
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