विश्व

चीन में बढ़ रहे कोविड-19 के केस, कई इलाकों में लगाना पड़ा लॉकडाउन

Neha Dani
1 Dec 2021 9:54 AM GMT
चीन में बढ़ रहे कोविड-19 के केस, कई इलाकों में लगाना पड़ा लॉकडाउन
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विदेश से आने वाले दोनों लोग शामिल थे. मरने वालों की संख्या अब भी 4,636 ही है.

Covid-19 Surge in China: चीन में एक बार फिर कोरोना वायरस का कहर देखने को मिल रहा है. यहां मंगलवार को पिछले एक महीने के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं. यहां 91 नए मामलों की पुष्टि हुई है. जबकि इससे महज एक दिन पहले 21 मामले सामने आए थे. नेशनल हेल्थ कमीशन के आंकड़ों के अनुसार, सभी 91 मामले चीन के उत्तरी क्षेत्र इनर मंगोलिया से सामने आए हैं. इनर मंगोलिया (Mangolia) में तीन दिन के भीतर कोरोना वायरस के लक्षण वाले 132 मामले मिले हैं. यानी 28 नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक. जिसके चलते कई इलाकों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है.

करीब 70 फीसदी से अधिक मामले रूस की सीमा से लगे मंझौलि शहर में मिले हैं. हालांकि चीन के बाकी हिस्सों के मुकाबले इस शहर में मामलों की संख्या फिर भी कम है (Coronavirus Situation in China). मंझौलि ने बचाव के उपाय तुरंत अपनाते हुए लोगों के शहर से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही रेल से आने वाले बिना कंटेनर के आयातित सामान को भी रोक दिया है और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगाई गई है.
ओमीक्रॉन वेरिएंट का कोई केस नहीं
चीन कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है. चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के एक अधिकारी जू वेनबो ने मंगलवार को एक समाचार ब्रीफिंग में कहा, चीन में ओमीक्रॉन वेरिएंट के कारण होने वाले किसी भी संक्रमण का पता नहीं चला है. मामलों में नवीनतम वृद्धि की बात करें तो इनर मंगोलिया में संक्रमण तेजी से बढ़ा है. अक्टूबर के मध्य और नवंबर के मध्य के बीच चीन में डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के रिकॉर्ड मामले सामने आए हैं.
श्रमिकों में मिले शुरुआती मामले
मंझौलि में शुरुआती मामले रूटीन जांच के दौरान उन श्रमिकों में पाए गए, जो आयातित सामान के प्रबंधन का काम करते हैं. इनर मंगोलिया के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने मंगलवार देर रात सरकारी टेलीविजन को बताया, अधिकारी 14 दिनों के भीतर हालात नियंत्रित कर लेंगे (Coronavirus Current Situation in China). 30 नवंबर तक चीन ने 98,824 कोरोना वायरस के मामलों की पुष्टि की है, जिनमें स्थानीय और विदेश से आने वाले दोनों लोग शामिल थे. मरने वालों की संख्या अब भी 4,636 ही है.
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