ब्रिटेन की संसद में गूंजा भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ का मामला
लंदन: ब्रिटेन की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में बृहस्पतिवार को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों द्वारा की गई तोड़फोड़ का मुद्दा उठाया गया। इस दौरान ब्रिटिश सांसदों ने ‘खालिस्तानी चरमपंथियों’ के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने और भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य बॉब ब्लैकमैन ने जहां हिंसा में शामिल संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के उपायों पर सदन में चर्चा करने की मांग की। वहीं, विपक्षी दल लेबर पार्टी के सदस्य गैरथ थॉमस ने हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उठाने जाने वाले कदमों के बारे में बताने को कहा।
कैबिनेट मंत्री पेनी मोर्डंट ने सदन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली के पहले दिए हुए बयान को दोहराते हुए यहां भारतीय मिशन के आसपास सुरक्षा उपायों की समीक्षा की घोषणा की। उन्होंने सांसदों से कहा, हम लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर हुई तोड़फोड़ और हिंसक कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं। उच्चायोग और उसके कर्मचारियों के खिलाफ इस तरह के कृत्य पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।
उन्होंने कहा, उच्चायोग के आसपास सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने के लिए मेट्रोपॉलिटन पुलिस के साथ काम किया जा रहा है और इसके कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव बदलाव किया जाएगा, ताकि वे इस देश और भारत, दोनों की सेवा करते हुए सुरक्षित जीवन व्यतीत कर सकें।
बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि रविवार को हुआ हमला इतने सालों में छठा बार है जब भारतीय उच्चायोग पर इसी तरह हमला किया गया है। उन्होंने कहा, रविवार को भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा की गई गुंडागर्दी इस देश के लिए शर्म की बात है।
ब्लैकमैन ने कहा कि खालिस्तानी चरमपंथी दुनिया भर में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। सप्ताह के अंत में कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी इसी तरह के हमले हुए हैं। हम अभी इस देश में खालिस्तानी चरमपंथियों को पनाह दे रहे हैं। क्या सरकार से हम इस बात पर बहस कर सकते हैं कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि इन आतंकवादियों को जवाबदेह ठहराया जाए और इस देश में प्रतिबंधित किया जाए, इसके लिए हम क्या कदम उठा सकते हैं।
भारतीय (Indian) उच्चायोग पर हुए हमले का कड़ा जवाब देगा ब्रिटेन…
इससे पहले, ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने कहा कि खालिस्तान समर्थकों की हिंसा को अति गंभीर मानते हुए ब्रिटेन भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा की समीक्षा करेगा और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियां ब्रिटेन के लिए अस्वीकार्य बताईं। उन्होंने कहा, मैंने उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी और भारत सरकार को स्थिति स्पष्ट कर दी है। क्लेवरली ने कहा, हम भारतीय उच्चायोग में सुरक्षा के लिए पुलिस के साथ काम कर रहे हैं।
भारत (India) के साथ संबंधों को गहरा करने का कर रहे हैं प्रयास
क्लेवरली ने कहा, हमारा संयुक्त 2030 रोडमैप हमारी साझेदारी को रेखांकित करता है। यह दिखाता है कि हम साथ मिलकर बड़े लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं। हम दोनों देशों के लिए नये बाजार और रोजगार का सृजन, साझा चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकते हैं। हम भविष्य के लिए दोनों देशों में रिश्ते गहरे करना चाहते हैं।
अमृपाल सिंह (Amripal Singh) पर कार्रवाई के बाद हो रहे हमले
पंजाब के खालिस्तान समर्थक संगठन वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके साथियों पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बाद भारतीय उच्चायोग पर हमले हो रहे हैं। भारत ने इस पर सख्त आपत्ति जताई है।