विश्व

लेबनान के बेरूत धमाके मामले में प्रधानमंत्री, 3 पूर्व मंत्रियों के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज

Deepa Sahu
10 Dec 2020 3:31 PM GMT
लेबनान के बेरूत धमाके मामले में प्रधानमंत्री, 3 पूर्व मंत्रियों के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज
x
साल 2020 की सबसे बड़ा त्रासदियों में से एक था

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : बेरूत: साल 2020 की सबसे बड़ा त्रासदियों में से एक था लेबनान की राजधानी बेरूत में हुआ धमाका। इस धमाके में 190 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। अब देश की एक अदालत ने केयर-टेकर प्रधानमंत्री हसन दिआब (Hassan Diab) और उनकी सरकार के तीन मंत्रियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बेरूत में हुए धमाके के बाद सालों से चल रही सरकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार के मुद्दे पूरी दुनिया के सामने आ गए थे।

पीएम के अलावा वित्त मंत्री अली हसन खलील, गाजी जीटर और यूसुफ फेनियानोस के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज किया गया है। उन्होंने जांच के दौरान बताया कि बंदरगाह में सालों से पड़ा 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट इस दर्दनाक घटना का कारण था। जज फादी सावन ने पीएम से सवाल किया था कि पद पर रहते हुए उन्हें कितने वक्त से विस्फोटकों के बारे में जानकारी थी और क्यों उन्होंने इसे हटाने के लिए निर्देश नहीं दिए?
थर्रा गया था बेरूत
अगस्त 2020 में बेरूत शहर उस वक्त थर्रा गया था जब बंदरगाह के पास लगातार दो धमाके हुए थे। ये धमाके इतने तेज थे कि बंदरगाह के पास जमीन ही गायब हो गई थी। 150 से ज्यादा लोगों की मौत घटना के कारण हो गई थी जबकि पांच हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसमें सबसे बड़ा नुकसान वहां मौजूद भंडारग्रह (silo) को हुआ था जिसके कारण अनाज की कमी का खतरा पैदा हो गया था।
सरकार ने दिया था इस्तीफा
लेबनान में पहले से ही आर्थिक संकट था जिसके बीच कोरोना वायरस भी कहर बरपा रहा था। वहीं, सरकार के खिलाफ लचर रवैये और भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे। राजधानी बेरूत में हुए धमाकों के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा जिसके बाद पीएम समेत कई मंत्रियों ने इस्तीफा देकर केयरटेकर की भूमिका निभाने की बात कही थी।
गिर गई थी सरकार
पिछले साल भारी जन आंदोलन के सरकार गिराने के बाद हसन की सरकार आई थी। इस सरकार में कई टेक्नोक्रैट शामिल हैं और बड़ी पार्टियों से लेकर ईरान का भी समर्थन हासिल है लेकिन एक साल के अंदर ही यह भी गिर गई है। कई मुद्दों को लेकर नाराज चल रहे लोगों ने बेरूत पोर्ट पर धमाकों से नाराज होकर आक्रामक विरोध प्रदर्शन किए थे। सरकारी मंत्रालयों पर पत्थरबाजी की गई और कई जगहों पर पुलिस से झड़प भी हुई।


Next Story