x
टोरंटो, (आईएएनएस)| कनाडाई पुलिस एजेंसी ने भारतीय मूल के दो लोगों की पहचान करते हुए सार्वजनिक सुरक्षा चेतावनी जारी की है, जो संघर्षों और हिंसा से जुड़े होने के कारण समुदाय के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रहे हैं। सरे रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने एक विज्ञप्ति में कहा- कर्णवीर गरचा (24), और हरकीरत झुट्टी (22) दोनों आपराधिक गतिविधियों और हिंसा से जुड़े हैं, और कोई भी व्यक्ति जो उनसे जुड़ा हुआ है या उनका करीबी है, वह खुद को जोखिम में डाल सकता है।
पुलिस ने कहा कि गरचा और झुट्टी दोनों कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया (बीसी) प्रांत के सरे शहर के निवासी हैं और मादक पदार्थों के व्यापार, गैंगस्टर गतिविधियों और गोलीबारी में शामिल हैं, जिसने परिवारों और समुदायों को खतरे में डाल दिया है। कंबाइंड फोर्सेस स्पेशल एनफोर्समेंट यूनिट (सीएफएसईयू-बीसी) के स्टाफ एएसर्जेंट लिंडसे ह्यूटन ने कहा, अपने जीवन और अपने आसपास के अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए खतरे के बावजूद, इन लोगों ने समुदायों में सार्वजनिक सुरक्षा के लिए कोई रुची नहीं दिखाई।
ह्यूटन ने कहा कि सीएफएसईयू-बीसी सरे आरसीएमपी सहित सभी पुलिस भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहा है, यह स्पष्ट संदेश भेजने के लिए कि गिरोह से संबंधित हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगस्त 2022 में, कनाडाई पुलिस ने 11 कुख्यात गैंगस्टरों की एक सूची जारी की, जिनमें से नौ भारतीय मूल के पंजाब राज्य से थे।
1990 के दशक की शुरूआत में भारतीय-कनाडाई गिरोह सामने आए, विशेष रूप से ब्रिटिश कोलंबिया में वैंकूवर और उसके आसपास। पिछले साल पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से भारत सरकार ने उत्तरी अमेरिकी देश से सक्रिय गैंगस्टरों की संलिप्तता को लेकर बार-बार अपनी चिंताओं को कनाडाई अधिकारियों के सामने रखा है।
मूसेवाला की हत्या में फंसा गोल्डी बराड़ कनाडा में रहने वाला लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य है, जिसके खिलाफ भारत में 16 मामले दर्ज हैं। भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) बराड़, लखबीर सिंह लांडा, हरदीप सिंह निज्जर, रमन जज और अर्श ढल्ला के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है- ये सभी कनाडा में हैं और पंजाब में इनकी जड़ें हैं।
लांडा के खिलाफ भारत में लगभग 20 मामले लंबित हैं, और उसे मूसेवाला की हत्या में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में नामित किया गया है।
--आईएएनएस
Next Story