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कनाडा में 5 से 11 साल तक के बच्चों को टीकाकरण की मंजूरी दे दी गई है। कनाडा में स्वास्थ्य नियामक ने फाइजर के कोविड-19 टीकों की डोज बच्चों को लगाने की अनुमति दी है।
कनाडा में 5 से 11 साल तक के बच्चों को टीकाकरण की मंजूरी दे दी गई है। कनाडा में स्वास्थ्य नियामक ने फाइजर के कोविड-19 टीकों की डोज बच्चों को लगाने की अनुमति दी है। एजेंसी ने कहा कि संक्रमण रोकने में यह वैक्सीन 90.7 फीसदी तक प्रभावी है। साथ ही इसकी कीमत कम है और इसके साइड इफैक्ट का खतरा भी नहीं है। आइए जानते हैं दुनिया की चार अन्य महत्वपूर्ण खबरें...
फ्लोरिडा में सांसद डॉन्ग एरिक्सन संक्रमित, अस्पताल में भर्ती कराया
अमेरिका में कोविड-19 के मामले अब भी बहुत कम नहीं हुए हैं। फ्लोरिडा में शामिल अल-सल्वाडोर में फेरन्डेल के प्रांतीय सीनेटर डॉन्ग एरिक्सन को कोरोना संक्रमण के चलते फ्लोरिडा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रिपब्लिकन सांसद एरिक्सन व्हाटकॉम काउंटी में 42वें जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार रह चुके हैं।
अगले साल जापान करेगा क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी
हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए व्हाइट हाउस के समन्वयक कर्ट कैंपबेल ने बताया कि जापान अगले साल भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया वाले क्वाड समूह की बैठक की मेजबानी करने पर सहमत हो गया है। वाशिंगटन थिंक टैंक, अमेरिकी इंटीट्यूट ऑफ पीस के एक कार्यक्रम में कैंपबेल ने फिलहाल यह नहीं बताया कि यह क्वाड बैठक किस प्रकार की होगी।
क्योदो न्यूज के मुताबिक राजनयिक सूत्रों ने पहले ही संकेत दिया था कि टोक्यो ने दूसरे व्यक्तिगत रूप से राष्ट्र प्रमुखों की मौजूदगी वाले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने पर विचार कर रहा है। यदि जापान में क्वाड शिखर सम्मेलन हुआ तो यह पीएम फुमियो किशिदा द्वारा आयोजित होने वाला पहला सम्मेलन होगा।
शांति रक्षकों के सामने जटिल संघर्षों के बड़े खतरे : यूएन
विश्व निकाय के शांति रक्षा प्रमुख ज्यां पियरे लैक्रोइ ने कहा है कि मौजूदा समय में संघर्ष अधिक जटिल हो गए हैं। ये संघर्ष जातीय तनाव एवं संगठित अपराध से लेकर संसाधनों के अवैध दोहन और आतंकवाद तक कई कारकों से प्रभावित होते हैं। इस कारण 66,000 से अधिक संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक पहले से अधिक खतरों का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, यदि दो-तीन साल पहले के समय से तुलना करें, तो भी हमारे अधिकतर शांति रक्षा मिशनों के लिए राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी हालात खराब हुए हैं। लैक्रोई ने डिजिटल तकनीकी व फर्जी समाचार प्रभाव को भी संघर्ष बढ़ाने का कारक बताया।
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