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भारतीय मूल के नए FATF अध्‍यक्ष से क्‍या पाकिस्‍तान की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जानें पूरा मामला

Renuka Sahu
3 July 2022 1:45 AM GMT
Can Pakistans problems increase with the new FATF president of Indian origin, know the whole matter
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फाइल फोटो 

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एक बार फ‍िर सुर्खियों में है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) एक बार फ‍िर सुर्खियों में है। एफएटीएफ में टी राजा कुमार ने एंटी-मनी लान्ड्रिंग वाचडाग के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला है। राजा कुमार एफएटीएफ के प्रमुख के रूप में डा मार्कस प्लीयर का स्थान लेंगे और दो साल तक अपनी सेवा देंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि इससे क्‍या पाकिस्‍तान की मुश्किलें बढ़ सकती है। हाल में यह चर्चा थी कि अक्टूबर में होने जा रही बैठक में उसे ग्रे-लिस्ट से बाहर किया जा सकता है। पाकिस्‍तान की नई सरकार को भी यह उम्‍मीद बंधी थी कि पाकिस्‍तान ग्रे लिस्‍ट से बाहर निकल जाएगा। टी राजा के अध्‍यक्ष बनने से पाकिस्तान के लिए नई चुनौती पेश होगी।

आखिर कौन है राजा कुमार
राजा कुमार ने सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। कुमार ने 2006 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम में भी भाग लिया था।
राजा ने सिंगापुर में गृह मंत्रालय और सिंगापुर पुलिस बल में 35 से अधिक सालों तक सीनियर नेतृत्व की भूमिका निभाई है।
वर्तमान में वह देश के गृह मंत्रालय में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले, वह जनवरी 2015 से जुलाई 2021 तक मंत्रालय में उप सचिव (अंतर्राष्ट्रीय) थे और साथ ही 2014 से 2018 के बीच होम टीम एकेडमी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे।
कुमार डिप्टी कमिश्नर आफ पुलिस, पुलिस खुफिया विभाग के निदेशक और वाणिज्यिक मामलों के विभाग के वरिष्ठ उप निदेशक भी हैं।
उन्होंने कैसीनो नियामक प्राधिकरण के अग्रणी मुख्य कार्यकारी के रूप में कार्य किया। सिंगापुर में नए कैसीनो के लिए एक मजबूत नियामक ढांचा तैयार किया, जिसमें एंटी मनी लान्ड्रिंग और टेररिज्म फाइनेंसिंग (एएमएल/सीएफटी) का मुकाबला करना शामिल है।
17 जून की बैठक में पाकिस्‍तान को क्‍या थी उम्‍मीद
गौरतलब है कि एफएटीएफ 17 जून को पाकिस्तान के भविष्य का फैसला करने वाली थी। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि इस बार उनके देश को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकाला जा सकता है। हालांकि, एफएटीएफ की तरफ से अभी तक इस मुद्दे को लेकर कोई संकेत नहीं दिया गया। पाकिस्तान के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से कहा गया था कि पाकिस्तानी सरकार आशावादी है और एफएटीएफ के इस पूर्ण सम्मेलन में अपने अनुकूल निष्कर्ष की उम्मीद करती थी। फिलहाल, हमें बहुत उम्मीदें हैं। हमारा मानना है कि हमने महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिसे कई सदस्यों ने मान्यता दी है।इसी के परिणामस्वरूप हम सर्वश्रेष्ठ की आशा करते हैं। पाकिस्तानी अधिकारी ने यहां तक कहा था कि अगर एफएटीएफ के सदस्य ग्राउंड वेरिफिकेशन करना चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए भी मंजूरी दी जाएगी।
2018 से एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है पाकिस्तान
पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में डाला था। अक्टूबर 2018, 2019, 2020, अप्रैल 2021, अक्टूबर 2021 और मार्च 2022 में हुए रिव्यू में भी पाक को राहत नहीं मिली थी। पाकिस्तान एफएटीएफ की सिफारिशों पर काम करने में विफल रहा है। इस दौरान पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को विदेशों से और घरेलू स्तर पर आर्थिक मदद मिली है। एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं। जिस कारण से इन दोनों देशों को बाहर से निवेश पाने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने में काफी परेशानी होती है।
क्या है FATF
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) एक अंतर-सरकारी निकाय है। इसे फ्रांस की राजधानी पेरिस में जी-7 समूह के देशों द्वारा 1989 में स्थापित किया था। इसका काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन शोधन (मनी लान्ड्रिंग), सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और आतंकवाद के वित्तपोषण पर कड़ी निगाह रखना है। इसके अलावा एफएटीएफ वित्त विषय पर कानूनी, विनियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा भी देता है। एफएटीएफ का निर्णय लेने वाले निकाय को एफएटीएफ प्लेनरी कहा जाता है। इसकी बैठक एक साल में तीन बार आयोजित की जाती है।
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