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ऊंटों ने सुंदर दिखने के लिए कराया बोटॉक्स, सऊदी ने ब्यूटी कॉम्पिटिशन से किया बाहर
Renuka Sahu
13 Dec 2021 3:03 AM GMT
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फाइल फोटो
बड़ी-बड़ी सौंदर्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने और जीतने के मकसद से करवाई जाने वाली कॉस्मेटिक सर्जरी सिर्फ मनुष्यों तक सीमित नहीं रह गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बड़ी-बड़ी सौंदर्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने और जीतने के मकसद से करवाई जाने वाली कॉस्मेटिक सर्जरी सिर्फ मनुष्यों तक सीमित नहीं रह गई है। दरअसल, सऊदी प्रशासन ने एक सौंदर्य प्रतियोगिता से कई ऊंटों को सिर्फ इसलिए बाहर कर दिया है क्योंकि उन्होंने सुंदर दिखने के लिए बोटॉक्स का सहारा लिया था। सऊदी अरब के किंग अब्दुलाजिज कैमल फेस्टिवल से 40 से ज्यादा ऊंटों को बाहर कर दिया गया है।
सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) ने बताया कि इन सभी ऊंटों को बोटॉक्स और अन्य कॉस्मेटिक टच-अप्स की वजह से प्रतियोगिता से बाहर किया गया है।
प्रतियोगिता की लीगल कमेटी के प्रवक्ता मारजूक अल-नटो ने बताया कि ऊंटों पालने वालों को छेड़छाड़ करते पाए जाने पर जुर्माना देना पड़ता है, जो अपराध के मुताबिक अलग-अलग होता है। एसपीए के मुताबिक, जहां फिलर्स, बोटॉक्स या हॉरमोन्स इंजेक्ट करने के लिए यह जुर्माना 1 लाख रियाल प्रति ऊंट है तो वहीं पूंछ काटने या ऊंट को रंगने के लिए 30 हजार रियाल तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
अधिकारियों के मुताबिक, बाकियों से अलग दिखने के लिए ऊंटों को पालने वाले कोलेजन लिप फिलर्स का इस्तेमाल करके ऊंटों के होंठों को स्ट्रेच करते हैं, हॉर्मोन का इस्तेमाल कर के कृत्रिम रूप से मांसपेशियां बढ़ाते हैं और रबर बैंड का उपयोग करके शरीर के अंगों क फुलाते हैं।
यह फेस्टिवल हर साल दिसंबर में होता है। इस बार प्रशासन ने जानवरों के सौंदर्य को बढ़ाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की है। सीएनएन के मुताबिक, अब तक 147 मामले सामने आए हैं, जो इस फेस्टिवल की शुरुआत से अब तक सबसे ज्यादा मामले हैं।
सबसे सुंदर दिखने वाले ऊंट को कैश प्राइज मिलता है। यह राशि करीब 25 करोड़ रियाल तक हो सकती है। इसके अलावा फेस्टिवल के बाद सबसे सुंदर दिखने वाले ऊंटों की निलामी की जाती है, जिसके जरिए भी लाखों-करोड़ों की कमाई होती है।
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