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कोरोना काल में California ने भी बढ़ाया मदद का हाथ, भारत को देगा ऑक्सीजन, गवर्नर ने साझा की जानकारी

Gulabi
27 April 2021 10:18 AM GMT
कोरोना काल में California ने भी बढ़ाया मदद का हाथ, भारत को देगा ऑक्सीजन, गवर्नर ने साझा की जानकारी
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भारत में Covid-19 महामारी की दूसरी लहर चल रही है

भारत में Covid-19 महामारी की दूसरी लहर चल रही है. अस्पतालों में चिकित्सीय ऑक्सीजन (Oxygen) और बिस्तरों की किल्लत है. इस संकट के बीच अमेरिका ने भारत की मदद के लिए बड़ा फैसला लिया है. अब भारतीय-अमेरिकियों की सबसे अधिक आबादी वाला अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया (California) कोरोना की मौजूदा लहर पर काबू करने के लिये भारत को जीवन रक्षक ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगा.


गवर्नर ने किया ऐलान
कैलिफॉर्निया के गवर्गर गैविन न्यूसम ने सोमवार को भारत भेजी जाने वाली पहली खेप की जानकारी साझा करते हुए कहा, 'इस खौफनाक बीमारी से लड़ने के लिये सभी को समान गुणवत्ता का उपचार मिलना चाहिये और कैलिफोर्निया भारत के लोगों की आवाज को सुनेगा और उनकी मदद करेगा, जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है.'
कैलिफोर्निया की ओर से भेजी जाने वाली मदद में 275 ऑक्सीजन संक्रेन्द्रक , 440 ऑक्सीजन सिलेंडर, 240 ऑक्सीजन रेगुलेटर, 210 पल्स ऑक्सीमीटर और एक डेप्लॉयबल ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर सिस्टम (COCS) शामिल है, जो प्रति मिनट 120 लीटर ऑक्सीजन पैदा करने की क्षमता रखता है. इसका इस्तेमाल आम तौर पर बड़े सिलेंडर भरने के लिये होता है.

अमेरिकी संगठन ने की अपील
बोस्टन स्थित एक चैम्बर ने व्हाइट हाउस (White House) और कांग्रेस (Congress) से भारत (India) में लोगों की जान बचाने में मदद के लिये अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल करने की अपील की है. यूएसए इंडिया चैम्बर ऑफ कॉमर्स (USAIC) ने ये चेतावनी भी दी है कि अमेरिका की ओर से किसी भी तरह की देरी किये जाने से भारत का Covid-19 आपातकाल वैश्विक स्वास्थ्य एवं आर्थिक संकट बन सकता है.

भारत को पश्चिम की मदद की जरूरत: USAIC
USAIC ने कहा कि भारत में कोविड-19 मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि ने सभी वैश्विक रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं. उसे पश्चिमी देशों की ओर से तत्काल मदद की जरूरत है. अमेरिका दुनिया का एकमात्र देश है जिसके पास भारत की मदद के लिये संसाधन और सामग्री है.

संगठन के प्रेसिडेंट करुण ऋषि ने कहा, 'कहा, 'सभी का जीवन समान है. मानवता का तकाजा है. भारत में लोगों की बेशकीमती जान बचाई जा सकती है. अमेरिकी की ओर से हस्तक्षेप में देरी इसे वैश्विक स्वास्थ्य एवं आर्थिक संकट बना सकती है.'
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