
लॉस एंजिलिस: वाणिज्य मंत्रालय अभी अपने पुनर्गठन पर रिपोर्ट के ब्योरे का अध्ययन कर रहा है. इसके साथ ही एक व्यापार संवर्द्धन निकाय के गठन का भी प्रस्ताव है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को यह जानकारी दी.
भारत का 2030 तक वस्तुओं और सेवाओं का 2,000 अरब डॉलर का निर्यात करने का लक्ष्य है. इसी लक्ष्य के तहत मंत्रालय वाणिज्य विभाग को नए सिरे से 'डिजाइन' करने पर काम कर रहा है.
निवेश आकर्षित करने के स्तंभों पर निर्भर है:
गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह पुनर्गठन वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा बढ़ाने, बहुपक्षीय संगठनों में नेतृत्व वाली भूमिका हासिल करने, वैश्विक 'चैंपियन' के रूप में 100 भारतीय ब्रांड का सृजन करने, विनिर्माण आधार को मजबूत करने और निवेश आकर्षित करने के स्तंभों पर निर्भर है.
गोयल ने कहा कि हम मंत्रालय के ढांचे को पुनगर्ठित करने की प्रक्रिया में हैं. हमारे पास एक विचार 'इन्वेस्ट इंडिया' की तर्ज पर व्यापार संवर्द्धन निकाय के गठन का है. यह निकाय भारत से भारत के लिए व्यापार को प्रोत्साहन देगा. मंत्रालय के तहत आने वाली 'इन्वेस्ट इंडिया' एक एजेंसी है जो देश में निवेश आकर्षित करने में मदद करती है.
रिपोर्ट के व्यापक ब्योरे का अध्ययन कर रहे:
गोयल ने कहा कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) जो अभी तक निर्यात, आयात से संबंधित मसलों को देखता रहा है, उसकी कुछ और भूमिकाएं हैं. इनमें व्यापार संवर्द्धन निकाय भी एक होगा. मंत्री ने पिछले महीने वाणिज्य विभाग के पुनर्गठन पर दस्तावेज जारी किए थे. गोयल ने कहा कि हमें अभी मंत्रालय के नए रूप पर रिपोर्ट मिली हैं. हम इस रिपोर्ट के व्यापक ब्योरे का अध्ययन कर रहे हैं.
न्यूज़क्रेडिट: firstindianews