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इंसान के पास मरने के बाद वाहन हो. वहीं, घोड़े का सिर अभी तक नहीं मिला है.
धरती के गर्भ में क्या छिपा है. यह किसी को नहीं पता. गुजरे जमाने में न जाने कितने राज हैं, जो इस धरती की गहराईयों में दफन हैं. दुनिया भर में शोधकर्ताओं द्वारा की जाने वाली खुदाई में ऐसी कई रहस्यों का पता चला है, जो समय के साथ धूमिल हो गई थीं. दक्षिणी जर्मनी में हुई खुदाई में एक ऐसे ही रहस्य का पता चला है. यहां शोधकर्ताओं को बिना सिर वाले घोड़े के पास दबे एक व्यक्ति के कंकाल के अवशेष मिले हैं. यह अवशेष अब शोधकर्ताओं के लिए रहस्य का विषय बना हुआ है.
1400 साल पहले दफनाए गए थे कंकाल
हालांकि, हम इतिहास के बारे में काफी जानते हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ जानने की जरूरत है. इसके लिए जरूरी है कि समय के साथ धरती में समा गए इतिहास की परतों को हटाया जाए. इसके लिए शोधकर्ता आए दिन खुदाई में जुटे रहते हैं. दक्षिणी जर्मनी के निटलिंगेन में शोधकर्ताओं को खुदाई के दौरान बिना सिर वाले घोड़े के पास दबे एक व्यक्ति के अवशेष मिले हैं. शोधकर्ताओं का मानना है कि इंसान और घोड़े को 1400 साल पहले दफनाया गया था. उस वक्ता इस क्षेत्र पर मेरोविंगियन राजवंश का शासन था.
इंसान कुलीन वर्ग से रखता होगा ताल्लुक
वहीं, शोधकर्ताओं के लिए अभी भी यह रहस्य बना हुआ है कि घोड़ा बिना सिर के क्यों है. शोधकर्ताओं का मानना है कि वह आदमी स्थानीय कुलीन वर्ग (एलीट क्लास) से रहा होगा. साइट पर शोध कर रहे आर्कियोलॉजी टीम के प्रभारी पुरातत्वविद फोल्के डैमिंगर का कहना है कि इंसान के अवशेष के सिर पर मेरोविंगियन राजाओं के कमांड की चेन थी, जिसका मतलब है कि वह राजा के अभियानों में भाग लेता होगा. .
घोड़े के साथ दफनाना अंतिम संस्कार का हिस्सा
डैमिंगर ने कहा कि हो सकता है कि घोड़े का सिर काटना अंतिम संस्कार का हिस्सा था या ये भी हो सकता है कि आदमी के परिवार के सदस्य चाहते थे कि वह धनवान दिखे और यही कारण है कि उसे घोड़े के साथ दफनाया गया हो. वहीं, एक और कारण, जो सामने आ रहा है, वह यह है कि घोड़े को इसलिए दफनाया गया था, ताकि इंसान के पास मरने के बाद वाहन हो. वहीं, घोड़े का सिर अभी तक नहीं मिला है.
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