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बौद्ध भिक्षु थिच नहत हान का निधन, लूथर किंग से की थी खास 'अपील'

Neha Dani
23 Jan 2022 7:23 AM GMT
बौद्ध भिक्षु थिच नहत हान का निधन, लूथर किंग से की थी खास अपील
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‘हम दुनियाभर के अपने आध्यात्मिक परिवार से कुछ क्षण मौन रहने के लिए कहते हैं.’ थिच नहत हान शादीशुदा नहीं थे.

वियतनाम के प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु थिच नहत हान (Thich Nhat Hanh) का 95 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनके जेन शिक्षण संगठन- प्लम विलेज ने बताया कि भिक्षु का स्थानीय समयानुसार शनिवार सुबह निधन हो गया. हालांकि उनकी मौत की वजह नहीं बताई गई. थिच नहत हान के निधन की खबर सुनने के बाद दुनियाभर में लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है. लोग उनकी मौत की वजह जानने को भी कह रहे हैं. हान का जन्म सेंट्रल वियतनाम (Vietnam) में साल 1926 में हुआ था. उन्होंने महज 16 साल की उम्र में भिक्षु के रूप में ह्यू शहर के तू हिउ मंदिर (Temple) में प्रवेश किया.

प्लम विलेज की वेबसाइट के अनुसार, वह 1950 के दशक की शुरुआत से ही वियतनामी बौद्ध धर्म के नवीनीकरण के आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल रहे थे. हालांकि उन्हें 1960 के दशक में वियतनाम युद्ध (Vietnam war) का विरोध करने के बाद वियतनाम से निर्वासित कर दिया गया था. जब युद्ध अपने चरम पर पहुंच गया था, तब उन्होंने मार्टिन लूथर किंग (Martin Luther King) से मुलाकात की. उन्होंने नागरिकों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले लूथर किंग से कहा कि वह युद्ध के खिलाफ आवाज उठाएं.
नोबेल पुरस्कार के लिए नामित हुए
किंग ने बाद में थिच नहत हान को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया, जिसमें उन्हें "शांति और अहिंसा के दूत" के रूप में वर्णित किया गया (Thich Nhat Hanh Cause of Death). पश्चिम में बौद्ध धर्म के प्रचार के तौर पर उन्होंने फ्रांस में प्लम विलेज समुदाय का गठन किया और नियमित रूप से ध्यान करने के अभ्यास पर बात की. उन्होंने एक लेक्चर के दौरान साल 2013 में कहा था, 'आपको सीखना होगा कि दुख कैसे सहते हैं. अगर आप ये सीख जाएंग, तो उतना ही कम सहेंगे. और आप ये भी जान जाएंगे कि खुशी पैदा करने के लिए दुख का सदुपयोग कैसे किया जाता है. सुख और दुख की कला हमेशा साथ चलती हैं.'
2005 में देश आने की अनुमति
हान लगभग 40 साल तक निर्वासित रहे और साल 2005 में उन्हें अपने वतन लौटने की अनुमति दी गई थी. 2014 में उन्हें स्ट्रोक आ गया, जिसके कारण वह बोल पाने में असमर्थ हो गए. वह अपने जीवन के अंतिम दिनों में तू हिउ मंदिर (Tu Hieu Temple) में ही रहे. अपने जीवनकाल में उन्होंने 100 से अधिक पुस्तकें लिखीं, जिनका 40 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया. उनकी आखिरी किताब अक्टूबर 2021 में प्रकाशित हुई थी.
मौत का कारण क्या था?
प्लम विलेज ने कहा कि थिच नहत हान ने शांतिपूर्वक अपने प्राण त्यागे हैं. संगठन की वेबसाइट पर लिखा है, 'एक गहरी सांस के साथ, हम घोषणा करते हैं कि हमारे प्रिय शिक्षक जेन मास्टर थिच नहत हान का 22 जनवरी, 2022 को शांतिपूर्वक निधन हो गया है.' उनका निधन तू हिउ मंदिर में हुआ, जहां से उनकी आध्यात्मिक यात्रा शुरू हुई थी और इस जगह को वियतनाम की बौद्ध हृदय भूमि भी कहा जाता है. थिच नहत हान के संगठन ने ट्वीट कर कहा, 'हम दुनियाभर के अपने आध्यात्मिक परिवार से कुछ क्षण मौन रहने के लिए कहते हैं.' थिच नहत हान शादीशुदा नहीं थे.

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