जनता से रिश्ता वेबडेस्क| यूरोप जा रही एक नौका के लीबिया के तट के पास टूट कर डूब जाने से उस पर सवार कम से कम 74 प्रवासी डूब गए हैं। गौरतलब है कि एक अक्तूबर से लेकर अभी तक क्षेत्र में नौका टूट कर डूबने की यह कम से कम आठवीं घटना है।
संयुक्त राष्ट्र प्रवासी एजेंसी का कहना है कि घटना के वक्त नौका पर महिलाएं और बच्चों सहित कुल 120 लोग सवार थे। वह लीबियाई बंदरगाह अल-खुम्स के पास डूब गयी। अंतरराष्ट्रीय प्रवासी संगठन के अनुसार, सिर्फ 47 लोगों को सुरक्षित बचाया जा सका।
लीबिया जिसके पास 2011 में नाटो समर्थित विद्रोह के बाद से कोई स्थिर केंद्र सरकार नहीं है, मुख्य रूप से उन अफ्रीकी प्रवासियों के लिए एक प्रमुख ट्रांजिट प्वाइंट है जो भूमध्य सागर को पार करके यूरोप पहुंचना चाहते हैं।
900 प्रवासियों ने की क्रॉसिंग की कोशिश
इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) के मुताबिक, इस साल कम से कम 900 प्रवासियों ने क्रॉसिंग की कोशिश की है। इसके अलावा 11,000 प्रवासियों को समुद्र में ही रोक दिया गया और लीबिया वापस लौटा दिया गया। जहां अक्सर प्रवासियों को हिरासत में लेकर उनका शोषण या उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।
आईओएम और संयुक्त राष्ट्र की प्रवासी एजेंसी यूएनएचसीआर दोनों का कहना है कि लीबिया को प्रवासियों की वापसी के लिए सुरक्षित बंदरगाह नहीं माना जाना चाहिए। साथ ही समुद्र में बचाए या रोके गए प्रवासियों को वहां नहीं भेजा जाना चाहिए।