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प्यार की तो तमाम कहानियां आप सुन चुके हैं, लेकिन जंग इस वक्त यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी हुई है.
कहते हैं प्यार और जंग में सब कुछ जायज़ होता है. प्यार की तो तमाम कहानियां आप सुन चुके हैं, लेकिन जंग इस वक्त यूक्रेन और रूस के बीच (Russia-Ukraine War Update) छिड़ी हुई है. यहां रूसी सैनिकों को ट्रैक करने के लिए और उन्हें फंसाने के लिए ब्रिटेन के जासूस (British Spies are Honey Trapping Russian Soldiers) डेटिंग ऐप्लिकेशन (Dating Application) और सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं. यूक्रेन की मदद के लिए ब्रिटिश जासूस (Spies are Tracking Russian Soldiers) ऐसा कर रहे हैं.
ब्रिटेन के जासूस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और डेटिंग ऐप्स के ज़रिये रूसी सैनिकों के मूवमेंट पर नज़र रख रहे हैं. रूस ने 11 दिन पहले यूक्रेन पर हमले शुरू किए थे, जिनके रुकने की अभी उम्मीद नहीं है. ऐसे में ब्रिटेन के कुछ जासूसों का दावा है कि यूक्रेन की मदद के लिए रूसी सैनिकों की लोकेशन डेटिंग ऐप्स के ज़रिये पता कर रहे हैं.
Daily Star की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के सैनिकों को ब्रिटिश जासूस समलैंगिक डेटिंग ऐप्लिकेशन Grindr के ज़रिये फंसा रहे हैं. साल 2013 से ही रूस में व्लादिमीर पुतिन ने इस समलैंगिक डेटिंग सर्विस पर पाबंदी लगा रखी है. इस वक्त जो सैनिक इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ब्रिटिश जासूसों ने ट्रैक किया है और उनका दावा है कि इससे उन्हें कुछ अहम जानकारियां हाथ लगी हैं, जिसे उन्होंने यूक्रेन के अधिकारियों को बताया है. इसके अलावा रूस में फेसबुक की जगह पर इस्तेमाल की जाने वाली सोशल नेटवर्किंग साइट VKontakte के ज़रिये भी सैनिकों की लोकेशन पता चल रही हैं.
रूसी सैनिकों पर रखी जा रही है नज़र
Daily Mail के मुताबिक ब्रिटिश इंटेलिजेंस सर्विस के लोग सोशल नेटवर्किंग साइट्स को काफी अहम बता रहे हैं. खासतौर डेटिंग ऐप से उन्हें महत्वपूर्ण जानकारियां मिल रही हैं क्योंकि यहां उनके इस्तेमाल पर सैनिकों को कोई देख नहीं रहा. इससे पहले भी यूक्रेन की एक महिला की तरफ से युद्ध की शुरुआत में ही दावा किया गया था कि रूसी सैनिक डेटिंग ऐप्लिकेशन इस्तेमाल करते हैं और वे यूक्रेनियन महिलाओं को एप्रोच करने की कोशिश कर रहे थे.
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