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ब्रिटिश सोशलाइट घिसलीन मैक्सवेल को यौन अपराधों के लिए दोषी पाया गया, अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा

Renuka Sahu
30 Dec 2021 1:03 AM GMT
ब्रिटिश सोशलाइट घिसलीन मैक्सवेल को यौन अपराधों के लिए दोषी पाया गया, अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा
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फाइल फोटो 

ब्रिटिश सोशलाइट घिसलीन मैक्सवेल को बुधवार को दिवंगत अमेरिकी फाइनेंसर जेफरी एपस्टीन द्वारा यौन शोषण के लिए युवा लड़कियों को भर्ती करने, तैयार करने और फिर उनकी यौन तस्करी करने का दोषी पाया गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्रिटिश सोशलाइट घिसलीन मैक्सवेल को बुधवार को दिवंगत अमेरिकी फाइनेंसर जेफरी एपस्टीन द्वारा यौन शोषण के लिए युवा लड़कियों को भर्ती करने, तैयार करने और फिर उनकी यौन तस्करी करने का दोषी पाया गया है. इस अपराध के लिए घिसलीन मैक्सवेल को 12 सदस्यीय ज्यूरी द्वारा नाबालिगों की सेक्स ट्रैफकिंग का दोषी माना गया है.

मिली जानकारी के मुताबिक 12 सदस्यीय ज्यूरी के 6 सदस्यों ने घिसलीन की सजा के पक्ष में वहीं 5 सदस्यों ने विरोध में अपने मताधिकारों का प्रयोग किया है. इस घटना के बाद से यह माना जा रहा है कि पूर्व ब्रिटिश पत्रकार राबर्ट मैक्सवेल की 60 वर्षीय बेटी को अब आजीवन जेल में सलाखों के पीछे रहना पड़ सकता है.
कानून के मुताबिक नाबिलगों की सेक्स ट्रैफकिंग के मामले में अधिकतम 40 वर्ष तक की सजा दिए जाने का प्रावधान है. न्यूयार्क की मैनहैटन कोर्ट में जज एलिसन नैथन द्वारा निर्णय सुनाए जाने के दौरान घिसलीन शांत भाव से बैठी रहीं और इस दौरान उन्होंने अपने सामने रखे ग्लास से पानी भी पिया.
सजा सुनाए जाने की तारीख निर्धारित नहीं
वहीं दोषी करार दिए जाने के बाद जज ने ज्यूरी के सभी सदस्यों को उनके निर्णय के लिए धन्यवाद दिया. दोषी करार देने के बाद जज ने अदालत की कार्यवाही स्थगित कर दी और दोषी घिसलीन को कोर्टरूम से सीधे पुलिस डिटेंशन में ले जाया गया. फिलहाल उनकी सजा के ऐलान की तारीख अभी निर्धारित नहीं की गई है. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि घिसलीन को 1994 से 2004 के किए गए अपराध के लिए सजा दी गई है.
घिसलीन ने खुद को निर्दोष बताया
वहीं घिसलीन के वकीलों ने दलील दी कि यौन तसकरी के आरोपों में जेल में बंद एपस्टीन की जेल में ही मृत्यु के बाद घिसलीन को महज इन आरोपों के आधार पर बलि का बकरा बनाया जा रहा है. गौरतलब है कि यौन शोषण और तस्करी के आरोपों का सामना कर रहे अरबपति 66 वर्षीय एपस्टीन को अगस्त 2019 में जेल में मृत पाया गया था और उसकी मृत्यु को आत्महत्या करार दिया गया था.
वहीं घिसलीन को एपस्टीन की मृत्यु के तुरंत बाद हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था. जिसके बाद कोर्ट की सुनवाई में हर बार अदालत ने घिसलीन को अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इंकार किया था.
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