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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन छोड़ेंगे पद

Rani Sahu
7 July 2022 10:01 AM GMT
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन छोड़ेंगे पद
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) आखिरकार कंजर्वेटिव पार्टी (टोरी) के नेता के पद से हटने के लिए बृहस्पतिवार को तैयार हो गए हालांकि नए नेता का चुनाव होने तक वह प्रधानमंत्री के पद पर बने रहेंगे

लंदन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) आखिरकार कंजर्वेटिव पार्टी (टोरी) के नेता के पद से हटने के लिए बृहस्पतिवार को तैयार हो गए हालांकि नए नेता का चुनाव होने तक वह प्रधानमंत्री के पद पर बने रहेंगे. 'डाउनिंग स्ट्रीट' से मिल रही खबरों में यह जानकारी दी गई है. जॉनसन (58), '10 डाउनिंग स्ट्रीट' के प्रभारी बने रहेंगे, जब तक कि कंजर्वेटिव पार्टी के एक सम्मेलन में नया नेता चुनने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती. पार्टी का सम्मेलन अक्टूबर में होने वाला है. उनके बृहस्पतिवार को ही औपचारिक रूप से इस्तीफा देने की घोषणा करने की उम्मीद है.

इस खबर के आने से कुछ देर पहले, देश के नए वित्त मंत्री नदीम जहावी ने जॉनसन के इस्तीफे की मांग की थी. जॉनसन के उन्हें नया वित्त मंत्री नियुक्त करने के 36 घंटे बाद ही उन्होंने यह मांग की. जहावी ने एक पत्र लिखकर जॉनसन के नेतृत्व पर सवाल उठाया और कहा, 'प्रधानमंत्री आपको अपने दिल में पता है कि सही कदम क्या होगा ...अब जाइए.' बता दें कि बोरिस जॉनसन के खिलाफ उनकी अपनी ही कंजर्वेटिव पार्टी में बगावत हो गई थी. अब तक 40 से अधिक मंत्री इस्तीफा दे चुके थे. तब से उनके ऊपर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है. विपक्षी लेबर पार्टी भी उनसे इस्तीफा मांग रही है.
दूसरी तरफ जॉनसन सरकार में एक के बाद एक कांड सामने आने, देश की आर्थिक हालत बदतर होने और सिलसिलेवार हड़तालों के चलते उनकी कुर्सी संकट में घिरी दिखाई दे रही है. इस बीच, देश की जनता, जॉनसन और कंजरवेटिव पार्टी की तरफ से संकेत मिल रहे हैं कि ब्रिटेन में सत्ता परिवर्तन हो सकता है. देश के दो वरिष्ठ मंत्री ऋषि सुनक और साजिद जाविद पार्टी के पूर्व मुख्य सचेतक क्रिस पिंचर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर जवाब देने में सरकार की नाकामी के चलते मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं. माना जा रहा है कि उनके इस्तीफे के बाद कई और मंत्री भी इस्तीफा दे सकते हैं, जिनमें जॉनसन के विश्वासपात्र भी शामिल हैं.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा, सर्वेक्षणों ने बढ़ाई मुश्किलें - हाल में हुए सर्वेक्षणों पर नजर डालें, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि जॉनसन और उनकी पार्टी की आगे की राह कैसी होने वाली है. जिस दिन जाविद और सुनक ने अपने पदों से इस्तीफा दिया, उस दिन 'यूगोव' ने 3,000 वयस्कों पर किए गए एक संक्षिप्त सर्वेक्षण के परिणाम जारी किए, जिसमें कुछ लोगों का कहना था कि जॉनसन सत्ता में बने रहेंगे. सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 70 प्रतिशत लोगों को लगता है कि जॉनसन को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और केवल 18 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें पद पर बने रहना चाहिए. साल 2019 में हुए चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी को वोट देने वाले मतदाताओं में से भी 54 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. केवल 33 प्रतिशत को लगता है कि देश की बागडोर उनके हाथों में ही रहनी चाहिए.
हालांकि अधिकतर लोगों को लगता है कि वह पद से इस्तीफा नहीं देंगे. गौरतलब है कि साल 2019 के चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी को वोट देने वाले लोग अन्य लोगों की तुलना में यह ज्यादा मानते हैं कि जॉनसन इस्तीफा दे देंगे. इस समूह में शामिल एक चौथाई लोगों ने कहा कि जॉनसन निश्चित रूप से या संभवत: इस्तीफा देंगे. ये निष्कर्ष जॉनसन के लिए एक गंभीर चिंता का विषय हो सकते हैं. यह राजनीतिक प्रणाली में जनता के विश्वास को भी दर्शाते हैं. अधिकतर लोगों को लगता है कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए, जबकि बहुत कम लोग ऐसा मानते हैं कि वे ऐसा करेंगे. इसके अलावा कंजरवेटिव पार्टी को लगता है कि चुनाव के लिहाज से जॉनसन की कोई खास अपील नहीं रह गई है. ऐसे में यदि पार्टी उनके नेतृत्व में अगला आम चुनाव लड़ती है तो उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है.
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान दावतें करने की बात सामने आने के बाद उनकी लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है. इसके बाद हाल में हुए उपचुनाव में उनकी पार्टी की हार के चलते भी जॉनसन की छवि को तगड़ा झटका लगा है. उपचुनाव में हार और सांसदों के इस्तीफा देने के बाद उनकी सरकार के बहुमत पर भी असर पड़ा है. ताजा चुनाव पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि यदि आज चुनाव कराए गए तो कंजरवेटिव पार्टी को शिकस्त का सामना करना पड़ सकता है और वह बहुमत से काफी दूर रह सकती है. इनमें ऐसी सीटों पर भी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ सकता है, जिनपर जॉनसन का काफी प्रभाव माना जा सकता है. यदि ऐसा होता है तो लेबर पार्टी को इन सीटों पर जीत मिल सकती है, जिसका मतलब कंजरवेटिव सरकार की विदाई होगा.
इस बीच, जॉनसन को बुधवार को संसद में भी विरोधी सांसदों के हमलों से दो-चार होना पड़ा. हालांकि भारी बहुमत का हवाला देते हुए उन्होंने नहीं झुकने का संकेत दिया और कहा कि वह 'आगे बढ़ते रहेंगे.' जॉनसन ने अपने इस्तीफे की लगातार मांग के जवाब में हाउस ऑफ कॉमन्स में साप्ताहिक प्राइम मिनिस्टर्स क्वेशचन (पीएमक्यू) सत्र में कहा, 'कठिन परिस्थितियों में किसी प्रधानमंत्री का काम, जब आपको भारी जनादेश सौंपा गया है, आगे बढ़ते रहना है, और मैं यही करने जा रहा हूं.' हालांकि कहा जा रहा है कि जॉनसन और कंजरवेटिव पार्टी की आंतरिक स्थिति ठीक नहीं है, जिसके चलते उनके सत्ता में बने रहने की संभावना काफी कम होती जा रही है. लिहाजा उपरोक्त सभी कारकों को मद्देनजर रखते हुए इस बात की आशंका जतायी जा रही है कि जॉनसन और उनकी कंजरवेटिव पार्टी के लिए आगे की राह बहुत कांटों भरी हो सकती है


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