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ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि जो अफगान ब्रिटेन में पुनर्वास के पात्र हैं
UK Afghanistan Mission: ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि जो अफगान ब्रिटेन में पुनर्वास के पात्र हैं, लेकिन किसी कारणवश एयरपोर्ट तक नहीं पहुंच सके, उनकी पूरी मदद की जाएगी. इससे पहले देश के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने कहा था कि ब्रिटेन का निकासी अभियान जल्द ही खत्म होने वाला है. उन्होंने कहा कि केवल उन्हीं लोगों को विमान में चढ़ने की अनुमति है, जो पहले से काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport Blast) के भीतर हैं. अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश के सैनिक मंगलवार तक अफगानिस्तान से बाहर निकल जाएंगे, इसके साथ ही 20 साल से चला आ रहा संघर्ष भी खत्म हो जाएगा.
गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले में 13 अमेरकी सैनिकों के अलावा ब्रिटेन के भी दो नागरिकों और एक ब्रिटिश नागरिक के बच्चे की मौत हुई है (Kabul Terror Attack). जबकि अफगानों की संख्या 169 बताई गई है. शुक्रवार शाम रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि ब्रिटेन ने इस देश से अभी तक 14,500 अफगान और अपने नागरिकों को निकाला है. वालेस ने कहा कि ब्रिटेन के साथ काम करने वाले 800 से 1100 उन अफगानों को बाहर नहीं निकाला जा सका है, जो ब्रिटेन आने के पात्र थे.
मदद करने का भरोसा दिया
पीएम जॉनसन ने कहा कि वह अफगानिस्तान में फंसे लोगों की मदद करने के लिए वो सबकुछ करेंगे, जो कर सकते हैं. जॉनसन ने कहा, 'हमारे ऑपरेशन को अब बस कुछ ही घंटे बचे हैं, ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें नहीं लाया जा सका, वो लोग जो शायद पुनर्वास के योग्य हैं (Boris Johnson on Afghans). मैं उन्हें यही कहता हूं कि हम उनकी मदद के लिए स्वर्ग और धरती को स्थानांतरित कर देंगे, हम जो कुछ भी कर सकते हैं, वो करेंगे.' पीएम जॉनसन ने कहा कि उनका मानना है कि तालिबान अफगानों के लिए सुरक्षित मार्ग की अनुमति देने की आवश्यकता को समझेगा, जो पश्चिमी देशों में पुनर्वास के पात्र हैं.
लोगों को निकालना प्राथमिकता
जॉनसन ने कहा, 'अगर वो (तालिबान) पश्चिम के साथ जुड़े रहना चाहते हैं, अगर वो हमारे साथ कोई रिश्ता चाहते हैं, तो इन लोगों को यहां से निकालना प्राथमिकता होगी.' इससे पहले बोरिस जॉनसन ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले (Afghanistan Mission) की निंदा की थी और इसमें जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की थी. उन्होंने इसके साथ ही ये भी कहा कि हमलों के बावजूद ब्रिटेन अपना मिशन नहीं रोकेगा. जो समय सारिणी तैयार की गई है, ब्रिटेन उसी के हिसाब से चल रहा है.
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