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ब्रिटिश पीएम ने जानवरों को बचाने के दिए आदेश
लंदन, न्यूयार्क टाइम्स। कोरोना लाकडाउन में जमकर पार्टी करने के आरोपों का सामना कर रहे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन अब नई मुसीबत में घिर गए हैं। जानसन पर अफगानिस्तान निकासी अभियान में इंसानों से ज्यादा कुत्तों और बिल्लियों को प्राथमिकता देने के आरोप लगे हैं।
सार्वजनिक हुए एक ईमेल में कहा गया है कि अफगानिस्तान में पिछले साल जब तालिबान कब्जा कर रहा था तब जानसन ने वहां से बड़ी संख्या में कुत्तों और बिल्लियों को निकालने पर सहमति दी थी। ये सभी नौजाद नामक एक संस्था में थे। यह संस्था ब्रिटिश सेना के एक पूर्व अफसर पाल पेन फार्थिग की थी।
मुसीबत की उस घड़ी में जानसन ने इंसानों से ज्यादा जानवरों को दी तरजीह
इस जानकारी के बाद बुधवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी लेबर पार्टी के जान हीली ने कहा, एक बार फिर प्रधानमंत्री को झूठ बोलते हुए पकड़ लिया गया है। उन्होंने मुसीबत की उस घड़ी में इंसानों से ज्यादा जानवरों को तरजीह दी। देखा जा सकता है कि वह बोलते क्या हैं, और निर्णय क्या लेते हैं। वहीं, रक्षा मंत्री बेन वालेस ने कहा कि प्रधानमंत्री की तरफ से जानवरों को प्राथमिकता देने का कोई आदेश नहीं दिया गया था।
ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस आफ कामंस की विदेश मामलों की एक समिति ने बुधवार को यह ईमेल सार्वजनिक किया। इसे जानसन के सहयोगी और मंत्री जैक गोल्डस्मिथ के लिए काम करने वाले एक अधिकारी द्वारा लिखा गया था।
अफगानिस्तान में तालिबान का जुल्म ले चुका है भयानक रूप
बता दें कि अफगानिस्तान की हर समस्या की जड़ में तालिबान है। उनके शासन में अफगानी लोग इतिहास के अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि काबुल के पतन के समय से अफगानी नागरिकों पर तालिबान का जुल्म भयानक रूप ले चुका है।
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