पार्टीगेट स्कैंडल के चलते संकट में घिरे ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने सोमवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में विश्वास मत साबित कर दिया। बोरिस जॉनसन ने 211 मत हासिल कर विश्वास मत जीत लिया। जॉनसन के खिलाफ 148 वोट डाले गए। कंजरवेटिव 1922 कमेटी के अध्यक्ष सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि कुल 359 वोट डाले गए। इनमें से कोई भी खराब मत पत्र नहीं था।
विश्वास मत हासिल होने के बाद ब्रिटिश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बोरिस जॉनसन के लिए यह एक आसान जीत थी। उन्होंने कहा कि जॉनसन के विरोधियों को अब अपने प्रयास यहीं रोक देने चाहिए। इधर, शिक्षा सचिव नादिम जाहावी ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की आज रात खुशी मना रहे होंगे क्योंकि उनके सहयोगी बोरिस जॉनसन कल भी प्रधानमंत्री के पद पर बने रहेंगे।
खास बात यह है कि सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी खुद जॉनसन के खिलाफ यह प्रस्ताव लाई थी। यदि वह इस प्रस्ताव में हार जाते तो पीएम पद से हटना पड़ता। हालांकि, इसकी संभावना कम थी। पार्टीगेट स्कैंडल को लेकर कुछ और ब्योरा सामने आने के बाद बैकबेंच कमेटी ने सोमवार को विश्वास मत प्रस्ताव लाने की घोषणा की थी। इससे पहले समिति के अधिकारी ग्राहम ब्रैडी ने बताया था कि उन्हें सांसदों से कई पत्र मिले, जिनमें जॉनसन के नेतृत्व के प्रति विश्वास को लेकर मतदान की मांग की गई थी।
इस प्रस्ताव के लिए 15 फीसदी सांसदों की सहमति मिल गई थी। यदि जॉनसन 359 कंजरवेटिव सांसदों का विश्वास पाने में विफल रहते तो उन्हें कंजरवेटिव नेता तथा प्रधानमंत्री पद से हटा दिया जाता। हालांकि अब जीतने के बाद वह एक साल और अपने पद पर बने रहेंगे।
जीते, पर सर्वमान्य चेहरे का रुतबा खोया
पार्टी और सरकार में बढ़ते विरोध के कारण जॉनसन के वोट पाने की उम्मीद कम थी। इसके बावजूद पार्टी के सदस्यों ने बदलाव से परहेज किया। जॉनसन ने 211 सांसदों का विश्वास पाया, लेकिन विपक्ष में पड़े 148 वोटों ने साबित कर दिया कि वह सर्वमान्य चेहरे का अपना रुतबा खो चुके हैं। इससे साफ हो गया है, कंजरवेटिव पार्टी के 40 फीसदी सदस्य उनके विरोधी हो चुके हैं। वोट के संबंध में लेबर पार्टी के केइर स्टारमर ने कहा, यह फैसला देश को करना है कि उन्हें विभाजित टोरी पार्टी चाहिए या फिर एकजुट लेबर पार्टी।
विशेषज्ञों का अनुमान था जॉनसन जीत जाएंगे
ब्रिटिश राजनीति के विशेषज्ञों ने अनुमान जताया था कि 57 वर्षीय जॉनसन संभवत: विश्वास मत जीत जाएंगे, लेकिन इससे उनके नेतृत्व को झटका जरूर लग सकता है। कोविड नियमों को तोड़ने से जुड़े पार्टीगेट स्कैंडल मामले में 40 से ज्यादा पार्टी सांसद उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
क्या है पार्टीगेट मामला?
पार्टीगेट मामला कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों यानी 20 जून 2020 को ब्रिटिश पीएम कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट में जन्मदिन पार्टी करने से जुड़ा है। यह पार्टी कोरोना नियमों का उल्लंघन कर कैबिनेट कक्ष में आयोजित की गई थी। इसका जिम्मेदार पीएम जॉनसन व उनकी पत्नी कैरी को माना गया। ब्रिटिश नेताओं ने इसे 'पार्टीगेट स्कैंडल' करार दिया।
गत बुधवार को वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सू ग्रे ने इस मामले की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट जारी की थी। वहीं, स्कॉटलैंड पुलिस की जांच में जॉनसन समेत 83 लोगों पर जुर्माना लगाया गया है। पार्टीगेट का मामला सामने आने के बाद जॉनसन पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा था।
उन्होंने इसके लिए खेद जताया लेकिन निजी स्तर पर कुछ भी गलत करने से इनकार किया था। ग्रे की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने अभियान 'हिलमैन' के अंतर्गत जांच शुरू की थी। जिन पर जुर्माना लगाया गया है उन 83 लोगों में पीएम जॉनसन, उनकी पत्नी कैरी जॉनसन और ब्रिटिश मंत्री ऋषि सुनक के नाम शामिल हैं।