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ब्रिटिश सांसद क्लॉडिया वेब्बी के किसान आंदोलन का समर्थन करने के बाद लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने उन्हें खुला पत्र लिखा है।
ब्रिटिश सांसद क्लॉडिया वेब्बी के किसान आंदोलन का समर्थन करने के बाद लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने उन्हें खुला पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि उच्चायोग सांसद की किसी भी चिंता को दूर करने को तैयार हैं।
इन सुधारों के उद्देश्य के संबंध में किसी भी तरह की गलतफहमी दूर करने के लिए ब्रिटिश सांसद के साथ के साथ जानकारी साझा की जा रही है। विदेशों से निहित स्वार्थों के चलते गलत सूचनाओं व भड़काऊ दावों के जरिये इस प्रदर्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसे लेकर भारत सरकार ज्यादा जागरूक है। इस तरह की कोशिशें भारत सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत से या लोकतांत्रिक तरीके से मुद्दों को सुलझाने में सहायक नहीं होगी।
दरअसल, वेबे ने ट्वीट कर कहा था वह किसान आंदोलन में किसानों के साथ हैं। इसके अलावा उन्होंने टूलकिट केस में गिरफ्तार दिशा रवि का भी समर्थन किया था। उच्चायोग ने पत्र में कहा, कृषि कानूनों को लेकर एक छोटा किसान समुदाय विरोध कर रहा है। भारत में किसानों की रक्षा और उन्हें सशक्त बनाने के इरादे से लाए गए कृषि सुधार विशेषज्ञों के इनपुट और समितियों की सिफारिशों पर आधारित हैं, जिन्होंने बीते 20 वर्षों में भारत में कृषि क्षेत्र की विशिष्ट चुनौतियों का विश्लेषण किया है।
भारत की संसद में कृषि कानूनों पर चर्चा के बाद पारित किया गया और तत्काल प्रभाव से 10 करोड़ छोटे किसानों को इनका लाभ मिलना भी शुरू हो गया। जो किसान इसका विरोध कर रहे हैं, उनके साथ भारत सरकार ने 11 दौर की वार्ता कर उनकी चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया है।
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