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यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा, टर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कैवुसोग्लू से इस मुद्दे पर बात की.
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालते ही ऋषि सुनक (Rishi Sunak) एक्शन में आ गए हैं और उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया है. पीएम बनने के बाद ऋषि सुनक ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) से बात की. इस बीच रूस (Russia) ने भी ब्रिटेन की नई सरकार को लेकर बयान दिया है और कहा है कि यूके से बेहतर संबंध की कोई उम्मीद नहीं है.
ब्रिटेन के साथ संबंध में सुधार की उम्मीद नहीं: रूस
ऋषि सुनक (Rishi Sunak) के प्रधानमंत्री बनने के बाद रूस (Russia) ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान रूस को ब्रिटेन के साथ संबंधों में सुधार की उम्मीद करने का कोई कारण नहीं दिखता है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव (Dmitry Peskov) ने ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर बयान देते हुए कहा कि रूस को निकट भविष्य में ब्रिटेन के साथ अधिक रचनात्मक संबंध बनाने के लिए कोई 'पूर्व शर्त, आधार या आशा' नहीं दिखती है.
यूक्रेन से युद्ध के बाद रूस-ब्रिटेन संबंधों में खटास
दरअसल, रूस ने इस साल फरवरी में जब यूक्रेन पर हमला किया, तब ब्रिटेन ने यूक्रेन का समर्थन किया था और इसके बाद से ही रूस के साथ उसके संबंधों में खटास आ गई है. ब्रिटेन, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) के प्रमुख समर्थकों में से एक है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहते हुए बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने युद्ध ग्रसित यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचकर सबको चौंका दिया था.
ऋषि सुनक को लेकर जेलेंस्की ने किया ट्वीट
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को ट्वीट कर बधाई दी है. उन्होंने कहा, 'मैं कामना करता हूं कि आप ब्रिटिश समाज और पूरी दुनिया के सामने की सभी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करें. मैं यूक्रेन और ब्रिटेन रणनीतिक साझेदारी को एकजुट होकर मजबूत बनाए रखने के लिए तैयार हूं.'
ब्रिटेन ने भारत समेत कई अन्य देशों के साथ की चर्चा
ऋषि सुनक (Rishi Sunak) के प्रधानमंत्री बनते ही ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने यूक्रेन को लेकर भारत समेत कई देशों के साथ चर्चा की और यूक्रेन को सहयोग देने की बात कही. क्लेवरली ने सबसे पहले सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन से रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बात की और फिर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से चर्चा की. इसके बाद उन्होंने यूएई के विदेश मंत्री विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान, यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा, टर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कैवुसोग्लू से इस मुद्दे पर बात की.
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