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ब्रिटेन के अखबार ने किया दावा, नेपाल में 150 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन हड़पी चीन

Kunti Dhruw
3 Nov 2020 2:11 PM GMT
ब्रिटेन के अखबार ने किया दावा, नेपाल में 150 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन हड़पी चीन
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ब्रिटेन के अखबार ने किया दावा, नेपाल में 150 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन हड़पी चीन

ब्रिटेन के एक प्रमुख अखबार ने दावा किया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ब्रिटेन के एक प्रमुख अखबार ने दावा किया है कि चीन ने नेपाल के क्षेत्र में 150 हेक्टेयर से अधिक जमीन हड़प ली है। इस पर चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि यह पूरी तरह बेबुनियाद अफवाह है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन की प्रतिक्रिया द टेलीग्राफ अखबार की खबर पर आई है जिसने नेपाल के राजनेताओं के हवाले से खबर प्रकाशित की थी कि चीन ने सीमा के पास पांच क्षेत्रों में 150 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर कब्जा कर लिया है और उसने पूर्ववर्ती डूब क्षेत्र पर दावे के लिए एक नदी के बहाव की दिशा को भी बदला है।

खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए वांग ने कहा, 'मैं बताना चाहता हूं कि खबर पूरी तरह बेबुनियाद अफवाह है।' जब वांग से इस बारे में साक्ष्यों के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा, ''जब यह अफवाह है तो इस खबर को जारी करने वालों को पहले सबूत पेश करने चाहिए।'द टेलीग्राफ अखबार के संवाददाता ने इस संदर्भ में कहा, 'हमारे पास प्रमाण हैं। हमने नेपाल के राजनेताओं से बात की है और उन्होंने ऐसा कहा है। हम चाहते हैं कि चीनी पक्ष प्रतिक्रिया दे।' इस पर वांग ने कहा कि रिपोर्टिंग से पहले तथ्यों का सत्यापन किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा, 'मेरा सुझाव है कि इस तरह की खबर प्रकाशित करने से पहले आपको चीजों का सत्यापन करते हुए जिम्मेदारी पूर्ण कार्रवाई करनी चाहिए। मैं कह सकता हूं कि यह खबर पूरी तरह बेबुनियाद अफवाह है।'

वहीं, द टेलीग्राफ के संवाददाता ने कहा, 'हमने नेपाल में चीनी दूतावास से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया था लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। इसलिए हम आज यहां हैं। हमें उम्मीद है कि चीन का विदेश मंत्रालय प्रतिक्रिया देगा।'वांग ने जवाब में कहा, ''मेरे पास आपके लिए स्पष्ट और सटीक जवाब है कि आपकी खबर तथ्यों पर आधारित नहीं है। यह पूरी तरह अफवाह है।' अखबार की खबर के अनुसार, चीन ने मई में पांच सीमावर्ती जिलों में कथित तौर पर नेपाली जमीन को हड़पना शुरू किया था और इसके लिए उसने पीएलए जवानों को सीमा के उन क्षेत्रों में भेजा जहां पहरेदारी नहीं है।

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