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ब्रिटेन का नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पदभार संभाला, फिर कई मंत्रियों को किया बर्खास्त
Shantanu Roy
25 Oct 2022 3:05 PM GMT
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एक्शन में पीएम
नई दिल्ली। ब्रिटिश पीएम का पदभार संभालने के कुछ ही घंटों बाद ऋषि सुनक ने कई मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। हालांकि जेरेमी हंट ब्रिटेन के वित्त मंत्री बने रहेंगे। बता दें कि मंत्रियों को बर्खास्त करने से पहले ही सुनक ने इस बात के संकेत दिए थे। दरअसल उन्होंने साफ लहजों में कहा था कि उन्हें पुराने लोगों द्वारा की गई गलतियों को सुधारने के लिए चुना गया है। सुनक ने किंग चार्ल्स द्वितीय के साथ बैठक के एक घंटे के भीतर अपने वादे को पूरा करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा था कि बिना किसी देरी के "काम तुरंत शुरू होगा"। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने अपने नए मंत्रिमंडल की घोषणा से पहले पूर्व पीएम लिज ट्रस के मंत्रियों की टीम के कई सदस्यों के इस्तीफा देने को कहा है। अब तक तीन मंत्रियों को पद छोड़ने के लिए कहा जा चुका है।
ऋषि सुनक को प्रिंस चार्ल्स III ने नियुक्त किया ब्रिटेन का प्रधानमंत्री #RishiSunakPM #UnitedKingdom pic.twitter.com/8qangIF9XB
— Prerna Anand (@PrernaAnand20) October 25, 2022
सूत्रों ने बताया कि इनमें व्यापार सचिव जैकब रीस-मोग, न्याय सचिव ब्रैंडन लुईस और विकास मंत्री विक्की फोर्ड शामिल हैं। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि जेरेमी हंट वित्त मंत्री के रूप में बने रहेंगे। ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऋषि सुनक अपनी नई टॉप टीम बनाने से पहले कैबिनेट के पुराने लोगों को निकाल रहे हैं। इसी के चलते जैकब रीस-मोग ने सरकार से इस्तीफा दे दिया। रीस-मोग ने व्यापार सचिव के रूप में पद छोड़ दिया है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक रीस-मोग को पहले से ही पता था कि उन्हें कैबिनेट से निकाल दिया जाएगा इसलिए उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया।
ऋषि सुनक को ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री चुना गया है. सुनक 28 अक्टूबर को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. सुनक के पीएम चुने जाने पर भारत से लेकर ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों में जश्न का माहौल है. इन सबके बीच इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने भी अपने दामाद ऋषि सुनक को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनाए जाने पर बधाई दी है.हमें उन पर गर्व है- नारायण मूर्ति
दरअसल ऋषि सुनक को ब्रिटेन की कमान मिलने पर पीटीआई को ईमेल के जरिए पहली प्रतिक्रिया देते हुए नारायण मूर्ति ने कहा, हमें उन पर गर्व है और हम उनकी सफलता की कामना करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमें विश्वास है कि वो ब्रिटेन के लोगों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे. इससे पहले रविवार को ऋषि सुवक ने कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व पद की दौड़ में जीत हासिल की और अब वो ब्रिटेन के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री बनने को तैयार हैं.
साल 2009 में हुई सुनक की शादी
बता दें कि एक फार्मासिस्ट मां और डॉक्टर पिता के बेटे सुनक की शिक्षा इंग्लैंड के सबसे प्रसिद्ध स्कूलों में से एक विनचेस्टर और फिर ऑक्सफोर्ड में हुई थी. उन्होंने गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक कंपनी में तीन साल काम किया और बाद में कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड से एमबीए किया, जहां उनकी मुलाकात इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई. साल 2009 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए. दोनों की दो बेटियां कृष्णा और अनुष्का हैं.
ब्रिटेन में टोरी लीडरशिप का चुनाव जीतकर भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने इतिहास रच दिया है. ऋषि सुनक का दो महीने के अंदर ही यूके का पीएम पद के लिए पार्टी के भीतर हुए चुनाव को हारकर फिर जीत जाना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. पहले लिज ट्रस ने उन्हें हराया, फिर करीब 45 दिनों में ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और ऋषि को अपनी दावेदारी ठोकने का एक और मौका मिल गया. दरअसल, बोरिस जॉनसन ने भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद अपना इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद कंजर्वेटिव सांसदों को अपना नया नेता चुनना था. नए दावेदारी में ऋषि सुनक और लिज ट्रस आमने-सामने थे. पीएम चुनने के लिए कंजर्वेटिव सांसदों ने बड़ी तादाद में लिज ट्रस का समर्थन किया और वे चुनाव जीत गईं. हालांकि, अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बुरी तरह घिरने की वजह से लिज ट्रस ज्यादा समय तक ब्रिटेन की सत्ता पर काबिज नहीं रह पाईं और जल्द ही उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ गया. ब्रिटेन की सियासत ने फिर करवट ली और दिवाली के दिन ब्रिटेन को पहला ऐसा प्रधानमंत्री मिल गया जो हिंदू धर्म से ताल्लुक रखता है.
मॉरीशस, कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन समेत दुनिया भऱ के तमाम देशों में भारतवंशी अपनी छाप छोड़ रहे हैं। कमला हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति हैं तो मॉरीशस में भी कई बार भारतीयों के हाथ नेतृत्व रहा है। इसी कड़ी में अब ब्रिटेन में भारतीय मूल के ही ऋषि सुनक पीएम बने हैं तो यह चर्चा का विषय बन गया है। ब्रिटेन में पहली बार किसी दक्षिण एशियाई मूल के हाथों में सत्ता गई है। ऋषि सुनक के पूर्वज अविभाजित भारत के पंजाब के गुजरांवाला में पैदा हुए थे, जो अब पाकिस्तान में है। यही वजह है कि भारत के अलावा पाकिस्तान में भी ऋषि सुनक से कनेक्शन की चर्चा हो रही है।
इस बीच महबूबा मुफ्ती और शशि थरूर जैसे नेताओं ने ऋषि सुनक के बहाने भारत को लेकर कहा है कि हमारे यहां ऐसा कब होगा। इसे लेकर विवाद भी तेज हो गया है। एक तरफ भाजपा ने अल्पसंख्यक समुदाय से पीएम और राष्ट्रपति बनने वाले नाम गिना दिए हैं तो वहीं कुमार विश्वास ने उलटे महबूबा मुफ्ती पर तंज कसा है कि जम्मू-कश्मीर में कब अल्पसंख्यक को सीएम बनाया जाएगा। साफ है कि ऋषि सुनक भले ही सात समंदर पार ब्रिटेन के पीएम बने हैं, लेकिन भारत में उनकी ताजपोशी मुद्दा बन रही है। हालांकि ऋषि सुनक को ब्रिटेन की कमान मिलना भारत के लिए संदेश है या नहीं, यह जरूर विचार करने की बात है।
वहीं इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि भारतीय मूल के ऋषि सुनक का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुना जाना बहुत ही आश्चर्यजनक और एक अभूतपूर्व मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि यह एक विकल्प है. और हम हर दिन इसका चुनाव कर सकते हैं. यह हमारे जीवन और इस देश के जीवन में, विशेष रूप से लोकतांत्रिक देश के जीवन का सच है, फिर चाहे वह अमेरिका हो या भारत, जहां आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा है. या फिर ब्रिटेन, जहां आज ही हमें खबर मिली है कि सुनक प्रधानमंत्री बन गए हैं. वहीं सुनक ने प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद कहा कि हमारा देश रूस-यूक्रेन युद्ध व महामारी के कारण गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है…कुछ 'गलतियां' हुई थीं और उन्हें दुरुस्त करने के लिए उन्हें चुना गया है और गलतियों को ठीक करने का काम तुरंत शुरू हो रहा है. आज हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, मैं उनसे सहानुभूतिपूर्ण तरीके से निपटने का आपसे वादा करता हूं.
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