x
इंसानी दुनिया में एक ऐसा पुरुष भी मौजूद है जिसकी इस वक्त उम्र 66 साल हो चुकी है
इंसानी दुनिया में एक ऐसा पुरुष भी मौजूद है जिसकी इस वक्त उम्र 66 साल हो चुकी है. पेशे से टीचर था जो अब रिटायर हो चुका है. अब तक 129 बच्चों का जैविक पिता (Biological Father) बन चुका है. जबकि इसके स्पर्म से गर्भवती हो चुकीं 9 महिलाएं जल्दी ही अपने-अपने शिशु को जन्म देने की कतार में लगी हैं. है न किसी अजूबा मर्द की चौंकाने वाली सच्ची कहानी. दुनिया के इन साहब का नाम है (Sperm Donor) क्लाइवेस जोंस (Clives Jones Sperm Donor). क्लाइवेस जोंस दरअसल तब चर्चा में आए जब उन्हें उनके देश के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दे डाली. क्योंकि हेल्थ डिपार्टमेंट वालों को उनकी यह हरकत बेजा लगी. वजह, जोंस ने यह काम किसी लाइसेंसशुदा क्लिनिक में जाकर नहीं किया. अपितु क्लाइवेस (British Sperm Donor) ने मां बनने की इच्छा रखने वाली महिलाओं को खुद ही तलाश लिया.
क्लाइवेस जोंस ब्रिटेन के चैडेसडेन, डर्बी (Chaddesden, Derby) में रहते हैं. हालांकि वह मूल रूप से Burton के रहने वाले बताए जाते हैं. इन तमाम तथ्यों की पुष्टि डेली मेले की रिपोर्ट भी करती है. खास बात ये है कि जोंस ने यह काम करना 58 साल की उम्र में शुरू किया था. जबकि अब उनकी उम्र 66 साल है. यानी अब से करीब 8 साल पहले जोंस ने मां बनने की जरूरतमंद महिलाओं को अपना "स्पर्म" फ्री में देने की पहल शुरू की थी
बिना किसी से कोई राय-मश्विरा किए हुए. इन 8 साल में ही कहा जाता है 66 साल की उम्र के जोंस ने अब तक 129 बच्चों को अपने स्पर्म की मदद से जन्म दिलवा दिया है. एक तरीके से यह भी कह सकते हैं कि इन 8 साल में ही (जबसे जोंस ने फ्री में अपना स्पर्म दान देकर महिलाओं के गर्भधारण में मदद करना शुरू किया) जोंस 129 बच्चों के जैविक पिता बन चुके हैं.
9 महिलाएं अभी भी लाइन में लगी हैं
जबकि उनसे निशुल्क हासिल उनके स्पर्म से अभी 9 महिलाएं और भी गर्भवती हैं. जो गर्भ में पल रहे जोंस के स्पर्म से तैयार बच्चों को जन्म कराने के इंतजार में हैं. यानी इस हिसाब से अगर बाकी 9 बच्चों का भी जन्म सही-सलामत हो सका, तो 66 साल की उम्र में क्लाइवेस जोंस 138 बच्चों के जैविक पिता होने का दर्जा हासिल कर चुके होंगे या कहिए कर लेंगे.
इस इंसानी दुनिया में यह किसी मर्द के लिए एक अलग और विशेष किस्म का अनुभव भी होगा. दूसरी ओर डेली मेल की खबर कहती है कि, जोंस को उनकी इस बेजा हरकत से देश के हेल्थ एक्सपर्ट्स नाराज हैं. नाराजगी की वजह है जोंस द्वारा किसी भी जरूरतमंद महिला को अपना स्पर्म फ्री में दान देने के लिए किसी विशेषज्ञ या क्लिनिक की मदद न लेना.
जोंस के मुताबिक हर दलील बकवास है
हालांकि इस आपत्ति से जोंस सहमत नजर नहीं आते हैं. उनके मुताबिक, उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. वे दौलत कमाने के इरादे से अपना स्पर्म बेच तो नहीं रहे हैं. अगर उन्होंने अब तक सैकड़ों घरों में बच्चों की किलकारियां गुंजाने के लिए फोकट में अपना स्पर्म संबंधित परिवारों की महिलाओं के गर्भधारण के लिए बांटा है तो इसमें गुनाह क्या किया है?
गुनाह तो तब होता जब स्पर्म चोरी-छिपे बेचकर उससे काला-धन अर्जित किया होता. यह तो एक पुण्य कार्य किया है. इसमें किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए. क्लाइवेस जोंस का दावा यह भी है कि अगर कोई उनके इस कदम पर, अनुसंधान करके डाटा जुटा सके, तो शायद वे दुनिया के ऐसे पहले मर्द भी साबित हो सकते हैं.
निशुल्क स्पर्म दान करना जुर्म नहीं पुण्य है
जिसने निशुल्क अपना स्पर्म दान करके 150 से ज्यादा महिलाओं को मां बनाकर. उनके घरों में बच्चों की किलकारियां गुंजाने जैसा नेक काम किया हो. जोंस आगे कहते हैं कि,"मैं जानता हूं कि स्पर्म डोनेट करने वाले मोटी इनकम करते हैं. मगर मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है. इस तरह के गलत काम तो देश के क्लिनिक्स में हुआ करते हैं. क्लिनिकों में इस तरह फ्री में स्पर्म डोनेट किए करवाए जाने की बात तो बहुत दूर की है. वहां तो यह एक खाने-कमाने का बिजनेस भर होता है.
जिन महिलाओं को मेरे दान किए स्पर्म से बच्चे हो चुके हैं वे परिवार अपने बच्चों के साथ मेरे पास तस्वीरें भेजते हैं. तो मुझे बहुत सुकून मिलता है. यह सोचकर कि चलिए इस दुनिया में मैं और मेरा स्पर्म किसी मां की गोद भरने और किसी परिवार को निशुल्क खुशियां हासिल करवाने के काम तो आ सका."
जैविक पिता का हैरतअंगेज खुलासा
इस अजीबो-गरीब काम के चलते दुनिया भर में चर्चा में आए क्लाइवेस जोंस आगे कहते हैं, "अपने स्पर्म से पैदा होने वाले बच्चों में से 20 बच्चों और उनके परिवार से मैं खुद निजी तौर पर भी मिल चुका हूं. यह सभी बच्चे डर्बी, बर्मिंघम, स्टोक और नॉटिंघम में पैदा हुए हैं. एक बार एक बच्चे की दादी का मेरे पास मैसेज आया. जिसमें उन बुजुर्ग महिला ने मेरे स्पर्म से खुद के दादी बन जाने की बधाई दी थी."
जोंस उन जगहों पर खुद ही पहुंच जाते हैं जहां जहां रहने वाली महिलाओं को उनके निशुल्क स्पर्म की जरूरत होती है. इसके लिए जोंस स्पर्म के जरूरतमंद परिवारों या उन महिलाओं से आने जाने का किराया तक नहीं लेते हैं. वे अपनी ही कार से आते जाते हैं. दिलचस्प यह है कि ऐसे नेक काम में जुटे जोंस को ह्यूमन फर्टिलाइजेशन एंड एम्ब्रियोलॉजी अथॉरिटी की ओर से चेतावनी मिल चुकी है.
सनकी शौक के चलते बीवी छोड़ गई
इस नसीहत के साथ कि जोंस जो कुछ अपने बलबूते कर रहे हैं. उस सबमें उन्हें ब्रिटेन के मान्यता प्राप्त क्लिनिक की मदद लेनी चाहिए. जोंस की शादी सन् 1978 में हो चुकी है. इसके बाद भी मगर वे लंबे समय से पत्नी से अलग रहते हैं. क्योंकि उनकी पत्नी को जोंस का निशुल्क स्पर्म दान देने का शौक कतई पसंद नहीं है. अपने इस शौक के चलते जोंस सन् 2018 में उन पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री '4 मैन 175 बेबीज' में खुद भी नजर आ चुके हैं.
दूसरी ओर ह्यूमन फर्टिलाइजेशन एंड एम्ब्रियोलॉजी अथॉरिटी के प्रवक्ता ने भी इसको लेकर बड़ा बयान दिया है. उनके मुताबिक, "जोंस जो कर रहे हैं हम उन्हें वैसा करने से रोक नहीं सकते हैं. क्योंकि वो यह सब अपने बलबूते कर रहे हैं. हां, हम जोंस से निशुल्क स्पर्म लेने वालों को सतर्क जरुर कर रहे हैं कि वे, इस तरह बिना किसी एक्सपर्ट क्लिनिक या विशेषज्ञ की मदद के स्पर्म प्रत्यारोपण की प्रक्रिया को अपनाने से बचें.
क्या कहता है ब्रिटेन का कानून?
यह महिला और शिशु दोनो के लिए एक जोखिमपूर्ण कदम साबित हो सकता है." जानकारी के मुताबिक, ब्रिटेन में कोई भी स्पर्म डोनर स्पर्म बैंक में दस महिलाओं या परिवारों के लिए स्पर्म दे सकता है. जोकि एक निशुल्क सेवा होगी. इसके बदले डोनर को कोई भुगतान नहीं किया जाता है. हालांकि डोनर को आने जाने के लिए 3 हजार रुपए और उसके ठहरने के इंतजाम पर होने वाला खर्चा, स्पर्म लेने वाले परिवार को ही वहन करना पड़ता है.
सन् 2005 में देश में (ब्रिटेन) में बदले गए कानून के मुताबिक, वहां कोई भी स्पर्म डोनर चोरी छिपे यह काम अंजाम नहीं दे सकता है. साथ ही ऐसे डोनर के स्पर्म से जन्म लेने वाला बच्चे को ह़क होता है कि जब वह 18 साल का यानी बालिग हो जाए, तब वो अपने जैविक पिता की पहचान जान सके. ब्रिटेन में स्पर्म डोनर की कानूनी तौर पर उम्र 18 साल से 41 साल तक निर्धारित की गई है.
Next Story