विश्व
9/11 से पहले ही लादेन को मारने वाला था ब्रिटेन, तब अमेरिका ने ऐसे बिगाड़ा था प्लान
Rounak Dey
2 Jan 2023 9:13 AM GMT

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अभियान ने ब्रिटेन के मिशन पर भी पानी फेर दिया। ब्रिटेन को जिस ठिकाने के बारे में पता था, लादेन उस जगह पर दोबारा कभी लौटकर नहीं आया।
लंदन: अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन ने 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर हमला कर तहलका मचा दिया था। इस दिन पूरी दुनिया को यह अहसास हुआ कि आतंकवाद से कोई भी देश बच नहीं सकता। अब हाल में ही सीक्रेट डॉक्यूमेंट से पता चला है कि ब्रिटेन ने ओसामा बिन लादेन को 9/11 हमले के 9 महीने पहले ही मारने की तैयारी कर ली थी। जब ब्रिटेन ने इस ऑपरेशन को लेकर बात की तो अमेरिका ने पहले तो हामी भर दी। लेकिन, ब्रिटेन के ऑपरेशन के पहले ही अमेरिका ने अफगानिस्तान पर टॉमहॉक मिसाइलों से लादेन के ठिकानों के आसपास बमबारी शुरू कर दी। इससे लादेन चौकन्ना हो गया और अफगानिस्तान में कहीं छिप गया।
कई आतंकी घटनाओं में था लादेन का हाथ
उस समय ओसामा बिन लादेन 1998 में केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर हमले और 2000 में यमन में अमेरिकी नौसेना विध्वंसक यूएसएस कोल पर आत्मघाती हमले के लिए जिम्मेदार था। वह इन दोनों घटनाओं के लिए अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की वॉन्टेड लिस्ट में भी शामिल था। इस कारण ब्रिटेन ओसामा बिन लादेन को मारकर उसका नामोंनिशान मिटाना चाहता था। अगर अमेरिका ने ब्रिटेन के मिलिट्री ऑपरेशन को बिगाड़ा नहीं होता तो दुनिया को अल कायदा के आतंक का सामना नहीं करना पड़ता।
अमेरिका ने पहले दी थी हमले की मंजूरी
द टाइम्स अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, दस्तावेजों से पता चलता है कि उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के साथ रात्रिभोज से पहले तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर को एक ब्रीफिंग पेपर में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा था कि हम सभी ओबीएल (ओसामा बिन लादेन) को मारने के पक्ष में हैं। ब्लेयर के विदेश नीति सलाहकार जॉन सॉवर्स ने उन्हें बताया कि अमेरिकियों के पास अभी तक सबूत नहीं है कि यूएसएस कोल पर हमले के लिए ओसामा बिन लादेन जिम्मेदार था। ऐसे में वे तब तक हवाई हमले शुरू नहीं करेंगे जब तक उनके पास कोई तगड़ा सबूत न हो और यह 20 जनवरी के बाद तक नहीं हो सकता (जब जॉर्ज डब्ल्यू. बुश राष्ट्रपति बनेंगे)। जॉन सॉवर्स बाद में ब्रिटिश विदेश खुफिया सेवा एमआई6 के प्रमुख बने।
वाहवाही पाने के चक्कर में अमेरिका ने बिगाड़ा मिशन
अमेरिका ने ब्रिटेन की योजनाओं के बावजूद बिल क्लिंटन के आदेश पर 20 अगस्त 1998 को अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत खोस्त में अल कायदा के ठिकानों पर टॉमहॉक मिसाइल हमला कर दिया। अमेरिका का मकसद ओसामा बिन लादेन को ब्रिटेन से पहले मार गिराना था। लेकिन, अल कायदा सरगना लादेन इस हमले से सकुशल बच निकला। अमेरिका के इस नाकाम अभियान ने ब्रिटेन के मिशन पर भी पानी फेर दिया। ब्रिटेन को जिस ठिकाने के बारे में पता था, लादेन उस जगह पर दोबारा कभी लौटकर नहीं आया।
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Rounak Dey
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