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100 सालों तक हांगकांग पर ब्रिटेन का कब्जा और अब ड्रैगन को सौंपी शहर की 'सत्ता की चाबी'

Neha Dani
1 July 2021 8:33 AM GMT
100 सालों तक हांगकांग पर ब्रिटेन का कब्जा और अब ड्रैगन को सौंपी शहर की सत्ता की चाबी
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कम्युनिस्ट विचारधारा के उलट पूंजीवादी विचारधारा को बरकरार रखा गया.

चीन (China) द्वारा हांगकांग (Hong Kong) में उठाए जाने वाले कदमों को लेकर बीजिंग (Beijing) की दुनियाभर में आलोचना होती है. लेकिन आपको मालूम है कि पहले हांगकांग ब्रिटेन (Britain) के नियंत्रण में था और आज ही के दिन इसे चीन को सौंपा गया. दरअसल, 19 दिसंबर 1984 को ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर (Margaret Thatcher) और चीनी प्रीमियर झाओ जियांग (Zhao Ziyang) ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत 1997 में हांगकांग को चीन को सौंपा जाना था. इसके बदले चीन वहां पर अपनी नीतियों को लागू नहीं करेगा और हांगकांग में पूंजीवादी व्यवस्था रहेगी.

हांगकांग को चीन ने 1898 में 99 वर्षों के लिए ग्रेट ब्रिटेन को लीज पर दिया था. वहीं, मार्गरेट थैचर और झाओ जियांग के समझौते के तहत एक जुलाई 1997 को हांगकांग को ब्रिटेन ने फिर से चीन को सौंप दिया. इस दौरान एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें तत्कालीन ब्रिटिश पीएम टोनी ब्लेयर, प्रिंस चार्ल्स, चीनी राष्ट्रपति जियांग जेमिन और तत्कालीन अमेरिकी रक्षा मंत्री मेडेलीन अलब्राइट ने हिस्सा लिया. हालांकि, हांगकांग के रहने वाले कुछ हजार लोगों ने शहर को चीन को सौंपे जाने का विरोध भी किया.
अफीम युद्ध के दौरान ब्रिटेन ने हांगकांग पर जमाया कब्जा
1839 में पहले 'अफीम युद्ध' (First Opium War) के दौरान ब्रिटेन ने चीन में घुसपैठ की और देश के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक मामलों में उसके हस्तक्षेप के विरोध को कुचल दिया. ब्रिटेन ने इस दौरान बेहद ही कम आबादी वाले हांगकांग पर कब्जा जमा लिया. 1841 में चीन ने चुएनपी के सम्मेलन पर हस्ताक्षर के साथ द्वीप को अंग्रेजों को सौंप दिया और 1842 में नानकिंग की संधि पर हस्ताक्षर किए गए. इस तरह पहला अफीम युद्ध खत्म हो गया. वहीं, दूसरे अफीग युद्ध (1856-1860) के दौरान चीन को हांगकांग से सटे कॉव्लून प्रायद्वीप को सौंपने पर मजबूर होना पड़ा.
1898 में 100 सालों की लीज पर दिया गया हांगकांग
ब्रिटेन का नया उपनिवेश पूर्व-पश्चिम व्यापार केंद्र के रूप में उभरा. साथ ही ये दक्षिणी चीन के लिए वाणिज्यिक प्रवेश द्वार और डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर के रूप में विकसित हुआ. 1 जुलाई 1898 को, पेकिंग के दूसरे सम्मेलन के तहत ब्रिटेन को हांगकांग को 100 सालों के लिए लीज पर दे दिया गया. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1941 से 1944 तक हांगकांग पर जापानियों का कब्जा था, लेकिन 20वीं शताब्दी के विभिन्न चीनी राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान भी यह ब्रिटिश हाथों में रहा.
1997 में शांतिपूर्ण तरीके से चीन को सौंपा गया हांगकांग
19 दिसंबर 1984 को सालों से चली आ रही बातचीत के बाद ब्रिटिश और चीनी नेताओं ने चीन की कम्युनिस्ट सरकार द्वारा एक देश, दो प्रणाली नीति के बदले हांगकांग को 1997 में चीन को सौंपने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. ब्रिटिश पीएम थैचर ने इस समझौते को हांगकांग के जीवन, एंग्लो-चीनी संबंधों और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के इतिहास में एक मील का पत्थर बताया. इसके बाद एक जुलाई 1997 को शांतिपूर्ण तरीके से हांगकांग को चीन को सौंप दिया गया. इस दौरान हांगकांग में चीन के कम्युनिस्ट विचारधारा के उलट पूंजीवादी विचारधारा को बरकरार रखा गया.

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