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रूस के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा कोरोना के नए मामले ब्रिटेन में, बढ़ते संक्रमण के बीच कैसे है जनजीवन सामान्य

Renuka Sahu
14 Nov 2021 1:29 AM GMT
रूस के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा कोरोना के नए मामले ब्रिटेन में, बढ़ते संक्रमण के बीच कैसे है जनजीवन सामान्य
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फाइल फोटो 

कोरोना संक्रमण के नये आंकड़ों को देखें तो रूस के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा मामले ब्रिटेन में आ रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना संक्रमण के नये आंकड़ों को देखें तो रूस के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा मामले ब्रिटेन में आ रहे हैं। लेकिन, ब्रिटेन में जमीन पर सब कुछ सामान्य नजर आ रहा है। मास्क पहनने की अनिवार्यता सिर्फ भीड़ वाले इनडोर स्थानों पर है। काप -26 का सफल आयोजन कोरोना महामारी शुरू होने के बाद सबसे बड़ा आयोजन है। ब्रिटेन की आबादी करीब 6.5 करोड़ है। इनमें से 4.5 करोड़ से अधिक वयस्कों को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लग चुकी हैं। बुजुर्गों और बीमारों को बूस्टर डोज भी लगाई जा रही है। 12 से 17 साल के एक करोड़ से अधिक किशोरों को भी टीके की एक खुराक लग चुकी है। उन्हें अभी एक ही डोज लगनी है। कुल मिलाकर 70 से 75 फीसदी तक टीकाकरण हो चुका है।

ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के आंकड़ों को देखें तो वेल्स, उत्तरी आयरलैंड और स्कॉटलैंड में कोरोना के मामले कम हैं। 35 हजार में से 29 हजार नये मामले अकेले इग्लैंड से हैं। यहां आबादी भी हालांकि ज्यादा है। नये रिपोर्ट होने वाले ज्यादातर मामले लेटरल फ्लो टेस्ट के हैं। जिसके जरिए आरंभिक टेस्ट होता है। इस टेस्ट की रिपोर्ट यदि निगेटिव हो तो सही मानी जाती है और यदि पॉजीटिव हो तो आरटीपीसीआर टेस्ट के जरिए उसकी पुष्टि जरूरी है। इसलिए पहले दिन रिपोर्ट होने वाले मामलों की संख्या बाद में कम हो जाती है।
टीकाकरण से मौतें घटीं
ब्रिटेन में नये मामलों के ज्यादा होने के बावजूद रोजाना होने वाली मौतों का औसत 50 से भी कम है। इसकी वजह टीकाकरण है, क्योंकि टीकाकरण के बाद संक्रमण होने के बावजूद मौत की आशंका बेहद कम हो जाती है। इसलिए भी लोगों में भय कम हुआ है और टीके को लेकर संशय भी खत्म हो गया है। जो पहले 46 फीसदी लोगों में था वह अब सिर्फ तीन फीसदी रह गया है। इससे लोगों में कोरोना का डर भी खत्म हुआ है और वे जनजीवन को पहले की भांति पटरी पर ला चुके हैं।
मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग
सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाने की सलाह के बावजूद लेकिन लोग कम लगाते हैं। सिर्फ मॉल, क्लब और भीड़ वाले दूसरे स्थानों पर ही मास्क लगाये लोग नजर आते हैं। मास्क को लेकर हर प्रांत के नियम अलग-अलग हैं लेकिन अनिवार्यता कहीं नहीं है। स्कॉटलैंड में सिर्फ इनडोर में मास्क अनिवार्य किया गया है।
काप-26 आयोजन
काप का आयोजन महामारी काल में सबसे बड़ा आयोजन है। करीब 20 हजार प्रतिनिधियों ने इसमें हिस्सा लिया। इस आयोजन के लिए ब्रिटेन ने यात्रा नियमों में ढील भी दी थी जिसमें सभी टीकों को मान्यता, अराइवल पर टेस्ट से छूट आदि शामिल है। लेकिन, सम्मेलन में शामिल होने के लिए रोज लेटरल फ्लो टेस्ट खुद करके उसकी रिपोर्ट एनएचएस वेबसाइट पर अपलोड करानी होती थी। इसके लिए प्रतिनिधियों को निशुल्क किट दी गई। यह व्यवस्था कारगर रही। आशंका जताई जा रही थी कि सम्मेलन से स्कॉटलैंड में संक्रमण में बढ़ोतरी हो सकती है लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है। प्रांत में पहले की भांति ही 2500-3000 नये मामले रोज आ रहे हैं।
वैक्सीन पासपोर्ट
एनएचएस ने ऑनलाइन वैक्सीन पासपोर्ट शुरू किया है। कई भीड़भाड़ वाले स्थानों पर वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाने पर ही एंट्री मिलती है। इसके लिए ऑनलाइन क्यूआर कोड डाउनलोड कर एंट्री प्वाइंट पर स्कैन कराना होता है।


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