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ब्रिटेन ने ही सबसे पहले फाइजर की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देकर टीकाकरण की शुरुआत की थी.
ब्रिटेन (Britain) में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) का एक साल पूरा होने पर मंगलवार को प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने कोविड-19 से मुकाबले के लिए जनता द्वारा प्रदर्शित साहस की सराहना की. उन्होंने चेतावनी के साथ सकारात्मक रवैया अपनाते हुए प्रतिबंध हटाने का संकेत दिया.
ब्रिटेन में आज का दिन 'नेशनल डे ऑफ रिफ्लेक्शन' के तौर पर मनाया जा रहा है, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में 'सबसे कठिन वर्ष' के दौरान राष्ट्र ने साहस का परिचय दिया. बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस से 43,01,000 लोग संक्रमित हुए हैं और 1,26,411 लोगों की मौत हो चुकी है.
देश के इतिहास में सबसे कठिन साल
जॉनसन ने कहा कि पिछले 12 महीने में हमारे बहुत से लोगों की जान गई. मैं उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है. आज लॉकडाउन के एक साल पूरे होने पर पीछे देखने का अवसर है जो कि देश के इतिहास में सबसे कठिन साल रहा है.
गौरतलब है कि 56 वर्षीय प्रधानमंत्री जॉनसन भी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे और कुछ समय उन्हें अस्पताल में रहना पड़ा था. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में हमें राष्ट्र द्वारा दिखाए गए साहस को भी याद रखना चाहिए. हम सभी ने अपनी भूमिका निभाई है चाहे वह नर्स या स्वास्थ्य कर्मी के रूप में अग्रिम मोर्चे पर काम करना हो, टीके के विकास और आपूर्ति का काम हो, टीका लगाने में सहायता करना हो, बच्चों को घर पर पढ़ाना हो या फिर वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए केवल घर पर ही रहना हो.
ब्रिटेन में सबसे पहले मिला नया वैरिएंट
उन्होंने कहा कि सभी के कारण इस देश में जिंदगियां बची हैं. हमारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचए) सक्षम है और हम सावधानीपूर्वक प्रतिबंध हटाने के रास्ते पर चल पड़े हैं. मालूम हो कि पिछले साल दिसंबर में ही सबसे पहले कोरोना के नए वैरिएंट की पुष्टि हुई थी, जिसके चलते कई देशों ने ब्रिटेन से आने-जाने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया था और ब्रिटेन में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी. वहीं ब्रिटेन ने ही सबसे पहले फाइजर की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देकर टीकाकरण की शुरुआत की थी.
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