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उन्होंने यह भी शिकायत की है कि उनकी छात्रवृत्ति को निलंबित कर दिया गया है.
यूरोपीय संघ (European Union), कनाडा (Canada) और अमेरिका (US) की तरह ब्रिटेन (Britain) ने भी चीन सरकार (Chinese Government) के अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया है. ब्रिटेन ने चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में चीन सरकार के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने घोषणा की कि ''घोर मानवाधिकार उल्लंघनों के दोषियों'' के खिलाफ प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ समन्वय के तहत उठाया गया कदम है.
ब्रिटेन पहली बार चीन (China) के चार सरकारी अधिकारियों और शिनजियांग (Xinjiang) के एक सुरक्षा निकाय पर यात्रा व वित्तीय प्रतिबंध लगाएगा. राब ने कहा, ''हम अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ समन्वय करते हुए मानवाधिकार उल्लंघन (Human Rights Violations) के लिए जिम्मेदार लोगों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं.''
चीन में 23,000 से अधिक भारतीय विद्यार्थी
दूसरी तरफ, भारतीय दूतावास ने सोमवार को कहा कि वह उन हजारों भारतीय छात्रों की चिंताओं को लेकर चीनी अधिकारियों के साथ संपर्क में है, जो बीजिंग द्वारा लगाए गए कोविड-19 प्रतिबंधों की वजह से अपने वतन में फंस गए हैं और चीन में स्थित विश्वविद्यालयों में वापस नहीं आ पा रहे हैं. चीन में 4.40 लाख से ज्यादा विदेशी छात्र हैं. इनमें 23,000 से अधिक भारतीय विद्यार्थी भी शामिल हैं जिनमें से अधिकतर भारी शुल्क देकर चीन के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं.
कोविड-19 पाबंदियों का हवाला देकर चीन छात्रों को सलाह दे रहा है कि वे अपने देश से ही ऑनलाइन कक्षा लेना जारी रखें. बहरहाल, छात्रों का कहना है कि उनमें से अधिकतर विज्ञान के विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, लिहाजा, उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए प्रयोगशाला की जरूरत है. उन्होंने यह भी शिकायत की है कि उनकी छात्रवृत्ति को निलंबित कर दिया गया है.
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