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ब्राजील के राष्ट्रपति पर लगा जुर्माना, जानिए क्या है मामला

Neha Dani
23 May 2021 9:08 AM GMT
ब्राजील के राष्ट्रपति पर लगा जुर्माना, जानिए क्या है मामला
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क्योंकि यहां की जनसंख्या बहुत ज्यादा नहीं थी आंकड़े भी मिल जाते.

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (Corona Virus) कहर देखने को मिल रहा है. दुनिया के लगभग सभी देश अपने-अपने तरीकों से कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. ऐसे ही ब्राजील (Brazil) में भी लोगों से कोरोना को हराने के लिए कोविड-19 दिशानिर्दशों का सख्त पालन करने की अपील की जा रही है न करने वालों को सजा दी जा रही है, लेकिन क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं करने के लिए एक राष्ट्रपति को जुर्माना देना पड़े? ब्राजील में ऐसा ही हुआ है. एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कोरोना के सुरक्षा नियमों का पालन न करने के लिए राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो को जुर्माना देना होगा.

अपील की अवधि बीतने के बाद तय होगा जुर्माना
मारान्हो राज्य के गवर्नर फ्लेवियो डिनो ने बताया कि राज्य के स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों का पालन करने में नाकाम रहने के लिए बोलसोनारो को जुर्माना देना होगा. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बिना सुरक्षा उपायों के होने वाली सभाओं को बढ़ावा देने के लिए बोल्सोनारो के खिलाफ मामला दर्ज किया. कानून सभी पर लागू होता है. डिनो ने जनता को याद दिलाया कि उनके राज्य में 100 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध है फेस मास्क का उपयोग अनिवार्य है. बोलसोनारो के कार्यालय के पास अपील करने के लिए 15 दिन का समय है, जिसके बाद जुर्माने की राशि निर्धारित की जाएगी. समाचार एजेंसी एएफपी ने बोल्सोनारो के कार्यालय से टिप्पणी केा अनुरोध किया लेकिन उनका कोई जवाब नहीं दिया गया.
सेरेना ने टीकाकरण की पेश की नजीर
गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद ब्राजील में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोरोना वायरस मौत का आंकड़ा है. हालांकि ब्राजील के सेरेना शहर ने टीकाकरण से कोरोना वायरस को मात देकर पूरी दुनिया के सामने एक नजीर पेश की है. इस शहर ने सभी वयस्कों को वैक्सीन देकर कोरोना की रफ्तार को रोक दी है. सबसे अहम बात यह है कि पूरे विश्व में कहर बरपाने वाले ब्राजील वैरिएंट भी इस शहर में नहीं फैला. इस शहर की आबादी बमुश्किल 45 हजार है. साउ पाउलो स्थित सेरेना की कुल आबादी 45,600 है। इसमें करीब 30,000 वयस्क हैं. एक प्रोजेक्ट के तहत इस शहर को टीकाकरण के लिए चुना गया. प्रोजेक्ट के लिए यहां की आबादी सबसे उपयुक्त थी, क्योंकि यहां की जनसंख्या बहुत ज्यादा नहीं थी आंकड़े भी मिल जाते.

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