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कोरोना (Corona) से दूसरे सबसे बुरी तरह प्रभावित देश ब्राजील में हजारों लोग सड़कों पर उतर चुके हैं
कोरोना (Corona) से दूसरे सबसे बुरी तरह प्रभावित देश ब्राजील में हजारों लोग सड़कों पर उतर चुके हैं और अपने राष्ट्रपति जेयर बोल्सनारो (President Jair Bolsonaro) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. जनता देश को बुरी तरह प्रभावित करने वाले कोरोना संकट के लिए राष्ट्रपति को जिम्मेदार मानती हैं. लोगों का कहना है कि जेयर बोल्सनारो के गैर-जिम्मेदाराना रवैये के चलते इतनी बड़ी संख्या में मौतें हुईं. बता दें कि ब्राजील (Brazil) में कोरोना से दूसरी सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. यहां 4 लाख 61 हजार लोगों की जान जा चुकी हैं और तीसरे सबसे ज्यादा 1 करोड़ 64 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं.
कोरोना को लेकर जेयर बोल्सनारो अपने बयानों के चलते भी विवाद और आलोचनाओं का शिकार हो चुके हैं. पिछले साल उन पर कोरोना के आंकड़ों में हेरफेर करने का भी आरोप लगा था. महामारी की शुरुआत से ही वो वायरस को हल्के में लेते आए हैं. एक ओर जहां देश संक्रमण को काबू में करने के लिए लॉकडाउन लगा रहे हैं वहीं जेयर बोल्सनारो ने लॉकडाउन का कड़ा विरोध किया था.अब बोल्सनारो के खिलाफ लोगों का गुस्सा सड़कों पर देखा जा सकता है. ब्राजील के रियो डी जेनेरो शहर में करीब 10 हजार लोग सड़कों पर उतरे और राष्ट्रपति के खिलाफ मार्च किया और 'बोल्सनारो जेनोसाइड' (बोल्सनारो नरसंहार) और 'गो अवे बोसोवायरस' (बोसोवायरस भाग जाओ) जैसे नारे लगाए. ब्राजील के कई शहरों में इस तरह के प्रदर्शन देखने को मिले.
'बस, अब बहुत हो गया'
'द गार्जियन' की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारी महाभियोग चलाकर बोल्सनारो को हटाने की मांग कर रहे थे. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमें इस सरकार से कहना होगा, 'बस, अब बहुत हो गया.' इस रैली में लोगों का कहना था कि अगर वैक्सीनेशन समय पर शुरू कर दिया गया होता तो कई लोगों की जान बच सकती थी. बता दें कि बोल्सनारो पर टीकाकरण की धीमी रफ्तार के आरोप भी लगते रहे हैं.
महामारी को बताया था 'मामूली फ्लू'
लोगों में बोल्सनारो के कई फैसलों को लेकर गुस्सा था, जिसमें घरों में रहने, मास्क पहनने और वैक्सीन का विरोध करना शामिल है. बोल्सनारो ने महामारी की शुरुआत में इसे 'मामूली फ्लू' कह कर संबोधित किया था. साथ उन्होंने लॉकडाउन हटाने की मांग करने वालों के सुर में सुर भी मिलाए थे. वो खुद लॉकडाउन विरोधी प्रदर्शनों में शामिल हुए थे.
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