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पी1 वेरियंट की वजह से यह महमारी विकराल रूप धारण करती जा रही है।
कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे ब्राजील में रविवार को कोरोना वायरस से 1803 लोगों की मौत हो गई। इस बीच कोरोना वायरस से जंग के लिए ब्राजील ने चीन से बड़े पैमाने पर वैक्सीन खरीदी थी लेकिन ताजा शोध में यह 'बेकार' साबित हो रही है। यह चीनी वैक्सीन ब्राजील में फैले कोरोना वायरस स्ट्रेन P1 पर मात्र 50.7 फीसदी लोगों में ही प्रभावी साबित हुई है।
हाल के दिनों में ब्राजील कोरोना वायरस महामारी का केंद्र बनकर उभरा है और रविवार को ही देश में 37000 नए मामले सामने आए हैं। पूरी दुनिया में अभी अमेरिका के बाद ब्राजील में ही सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। देश में प्रतिबंधों की कमी, कोरोना वायरस वैक्सीन लगाने में गड़बड़ी और पी1 वेरियंट की वजह से यह महमारी विकराल रूप धारण करती जा रही है।
पी1 वायरस के खिलाफ केवल 50.7 फीसदी ही प्रभावी
साओ पावलो के बुटांटन बायोमेडिकल इंस्टीट्यूट के मुताबिक चीन की साइनोवैक कोरोना वायरस वैक्सीन पी1 वायरस के खिलाफ केवल 50.7 फीसदी ही प्रभावी साबित हुई है। यही इंस्टीट्यूट अभी फिलहाल देश में चीनी कोरोना वायरस वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है। चीन के धुर विरोधी ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो ने शुरू में कहा था कि वह चीन की कोरोना वैक्सीन को नहीं खरीदेंगे लेकिन सप्लाइ नहीं मिलने के कारण उन्हें अपना फैसला बदलना पड़ा है।
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